कम पूंजी में भी व्यवसाय का बढ़ावा देने के लिए जिला औद्योनिक विभाग मौन पालन की योजना बना रहा है। एक मुलाकात में जिला उद्यान अधिकारी डा0 राजीव वर्मा ने बताया कि मौन पालन से अच्छी आय प्राप्त हो सकती है। मौन पालन के लिए व्यवसाय करने वालों के लिए विभाग पचास प्रतिशत का अनुदान देगा। प्रति बाक्स जिसकी लागत तीन हजार रूपये निर्धारित की गई है वह 1500 रूपये पर व्यवसाय पर सुविधा मुहैया कराया जायेगा। मधुमिक्खयों के बारे मेें जानकारी देते हुए कहा कि मधुमक्खी एक सामाजिक प्राणी होता है। जिसमें एक रानी व एक राजा तथा शेश सेवक होते हैं जहां रानी मक्खी जाती है उसी के पीछे सभी हो लेते हैं। इसलिए रानी मक्खी को एक बन्द डिब्बे में रखा जाता है जिसके आकशZण से राजा व सेवक रानी से दूर नहीं जा पाते। प्रात: काल जब सभी मधुमिक्खयां बाहर फूलो के रस के लिए छोड़ी जाती है तो वे सभी फूलो के रस लाकर रानी के पास वापस लौट आते हैं और जो डिब्बे के अन्दर उनके रहने का स्थान बना होता है उसमें क्रिया द्वारा शहद को इकठ्ठा करते है। शहद का व्यवसाय करने के लिए जाड़े का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इस समय खेतों में फसलों पर फूल अधिक आते हैं। एक महिने में साधारणतया एक बार या दो बार शहद निकाला जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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