कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार पर झूठे आरोप लगाने से बाज आये
उत्तर प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने की किसी को इजाजत नहीं देगी
बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा द्वारा आज ग्राम रोजगार सहायकों को लेकर प्रदेश सरकार पर भ्रामक एवं बेबुनियाद आरोप लगाये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रवक्ता ने कहा है कि यदि वह ग्राम रोजगार सहायकों की समस्याओं के बारे में वास्तव में गम्भीर होती तो वह प्रदेश सरकार को कोसने के बजाय कांग्रेस पार्टी की नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार पर दबाव डालकर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी द्वारा प्रधानमन्त्री को लिखे गये पत्र में उठाये गये बिन्दुओं का समाधान कराने का प्रयास करतीं।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश अध्यक्षा अच्छी तरह जानती है कि मनरेगा केन्द्र सरकार की योजना है। केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही इस योजना को ग्राम पंचायत स्तर पर क्रियािन्वत करने के लिए रोजगार सहायकों को संविदा पर रखा गया है। इसके अलावा कार्यक्रम अधिकारी, लेखाकार, कम्प्यूटर आपरेटर एवं अभियन्ताओं की नियुक्ति भी केन्द्र सरकार के निर्देश पर की गई है। इस प्रकार अस्थायी संविदा पर कर्मियों की नियुक्ति की व्यवस्था न केवल ग्राम विकास विभाग में है बल्कि केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार तथा कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए भी बनायी गई योजनाओं में है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए राज्य सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगाने का बहाना खोजते रहते हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि रोजगार सहायकों की मांगों को लेकर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने 03 दिसम्बर, 2010 को प्रधानमन्त्री जी को पत्र लिखकर अनुरोेध किया था कि केन्द्र सरकार विभिन्न क्षेत्रों हेतु क्रियािन्वत किये जा रहे कार्यक्रमों के बारे में अल्पकालिक, अस्थायी एवं संविदा के आधार पर किये जाने वाली नियुक्तियों की समीक्षा कर ले एवं यदि आवश्यक हो तो उनके स्थान पर पूर्णकालिक एवं सुव्यवस्थित राज्य कर्मियों की नियुक्ति को वित्त पोषित करने की नीति बनाये। इससे न केवल योग्य शासकीय कार्मिकों के द्वारा योजनाओं का क्रियान्वयन अच्छी तरह से किया जा सकेगा, बल्कि अस्थायी व्यवस्था के कारण जिन असन्तोष एवं अड़चनों का सामना राज्यों को करना पड़ता है, वे भी दूर हो सकेंगी।
प्रवक्ता ने कहा कि माननीया मुख्यमन्त्री जी ने पत्र में प्रधानमन्त्री जी को यह भी अवगत कराया था कि संविदा के आधार पर भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए नियुक्त कार्मिकों में एक ओर अल्प वेतन एवं अस्थायी व्यवस्था होने के कारण प्राय: असन्तोष रहता है, वहीं दूसरी ओर इस प्रकार की अस्थायी व्यवस्था के अन्तर्गत नियुक्त कार्मिक विभिन्न सेवा सम्बंधी मांगों को लेकर आन्दोलनरत रहते हैं और इनका सीधा कुप्रभाव राज्य की शान्ति व्यवस्था पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि जहां तक रोजगार सहायकों पर लाठी चार्ज एवं गिरफ्तारी आदि की न्यायिक जांच की मांग को लेकर श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी द्वारा महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देने का सवाल है तो यह कांग्रेस पार्टी के लिए कोई नयी बात नहीं है। कांग्रेस के लोग समय-समय पर नौटंकी करते रहते हैं। प्रदेश की जनता अब इनको गम्भीरता से नहीं लेती।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने रोजगार सहायकों के मामले में धरना प्रदर्शन के दिन हुई घटनाओं की जांच के लिए आदेश दे दिये हैं। इसी के साथ ही कानून-व्यवस्था खराब करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्सा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि रोजगार सहायकों का जेल से रिहा होनेे के बाद सीधे कांग्रेस अध्यक्षा के आवास पर पहुंचना, इससे यह पूरी तरह साफ है कि रोजगार सहायकों द्वारा कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने तथा तोड़-फोड़ की घटना में शामिल होने के पीछे कोई न कोई राजनीतिक साजिश रही है। प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोगों द्वारा कानून-वयवस्था भंग करने वालों को बढ़ावा देकर राज्य सरकार पर घटिया आरोप लगाने से बाज आना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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