जूनियर वर्ग की चैिम्पयनशिप मैथमेटिक्स एजूकेशन क्लीनिक, इण्डोनेशिया एवं सीनियर वर्ग की चैिम्पयनशिप कोरिया साइंस एकेडमी, दक्षिण कोरिया को
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय युवा गणितज्ञ सम्मेलन “आई.वाई.एम.सी.-2010´´ आज बहुत ही शानदार तरीके से उमंग व उल्लास से सराबोर वातावरण में सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि श्री जितेन्द्र कुमार, आई.ए.एस., ने दीप प्रज्वलित कर `पुरस्कार वितरण व समापन समारोह´ का विधिवत उद्घाटन किया एवं देश-विदेश के विजयी प्रतिभागियों को शील्ड, मैडल व प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया। “आई.वाई.एम.सी.-2010´´ में मैथमेटिक्स एजूकशन क्लीनिक, इण्डोनेशिया की छात्र टीम ने जूनियर वर्ग की ओवरऑल चैिम्पयनशिप पर कब्जा जमाया जबकि कोरिया साइंस एकेडमी, दक्षिण कोरिया की छात्र टीम ने सीनियर वर्ग की ओवरऑल चैिम्पयनशिप जीतकर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। इसके अलावा जूनियर वर्ग में फिलीपीन्स की छात्र टीम प्रथम रनर अप एवं कोरिया साइंस एकेडमी, दक्षिण कोरिया की छात्र टीम द्वितीय रनर अप रही जबकि सीनियर वर्ग में महीडोल वितायानुसोZन, थाईलैण्ड प्रथम रनर अप एवं सी.एम.एस. अलीगंज की छात्र टीम द्वितीय रनर अप रही। इस अन्तर्राष्ट्रीय युवा गणितज्ञ सम्मेलन के दौरान विश्व के 13 देशों इंग्लैण्ड, दक्षिण अफ्रीका, भूटान, फिलीपीन्स, थाईलैण्ड, कोरिया, रूस, ईरान, नेपाल, इण्डोनेशिया, श्रीलंका, कतर एवं भारत से पधारे 600 से अधिक बाल गणितज्ञों ने लगातार चार दिनों तक गणित िक्वज, गणित मेला, गणित रिले, व्यक्तिगत व टीम प्रतियोगिताओं में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया व गणित के सागर में डूबकर ज्ञान के मोतियों को ढूढ़ा।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि श्री जितेन्द्र कुमार, आई.ए.एस., ने कहा कि विश्व के बाल गणितज्ञों को एक मंच पर एकत्रित करने का सी.एम.एस. गोमती नगर का प्रयास अत्यन्त सराहनीय है। इस आयोजन ने युवाओं को स्विर्णम अवसर प्रदान किया है कि सब मिलकर मानव ज्ञान को सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए उपयोग करने का संकल्प लें। श्री कुमार ने आगे कहा कि मैं यहां एकत्रित देश-विदेश के बाल गणितज्ञों से यही कहूंगा कि वे अपनी बुद्धि और ज्ञान की शक्ति को विधाता की देन समझें और इसे मानव कल्याण में लगायें। उन्होंने बाल गणितज्ञों से अपील की कि वे अपने ज्ञान को ईमानदारी से विश्व समाज की सेवा में लगायें जिससे मानव जाति निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर रहे और आगे आने वाली चुनौतियां बाधक न बनकर मील का पत्थर बनें।
इस अवसर पर देश-विदेश के प्रतिभागी छात्र टीमों के सम्मान में सी.एम.एस. छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। भारतीय संस्कृति से हुए इस भव्य स्वागत से विदेशी मेहमान गद्गद व प्रफुिल्लत दिखाई दिये और तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा ऑडीटोरियम गूंज उठा। कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्व-धर्म व विश्व शान्ति प्रार्थना से हुआ एवं इसके बाद सी.एम.एस. छात्रों ने अनेकता में एकता की भावना को सुन्दर नृत्यों द्वारा मंच पर प्रस्तुत किया। इस अवसर पर देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने एक स्वर से कहा कि प्रौद्योगिकी विकास हर हाल में मानव जाति के विकास व उत्थान के लिए ही होना चाहिए न कि पतन के लिए। इस अन्तर्राष्ट्रीय गणित सम्मेलन में हम सभी एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का अवसर तो मिला ही है साथ ही समाज के रचनात्मक विकास हेतु कार्य करने की प्रेरणा भी मिली है। हम संकल्प लेते हैं कि पूरी दुनिया में अमन व शान्ति के लिए एकता का साम्राज्य स्थापित करेंगे।
आई.वाई.एम.सी.-2010 की संयोजिका व सी.एम.एस. गोमती नगर की प्रधानाचार्या सुश्री मंजीत बत्रा ने इस अवसर पर कहा कि इन चार दिनों में छात्रों ने गणित में पारंगतता तो हासिल की ही, साथ ही आपसी विचार विमर्श से देश विदेश की सभ्यता व संस्कृति की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि इस सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाले सभी छात्र सभी विजयी हैं क्योंकि सभी ने यहां आकर कुछ नया सीखा है और आगे की इनकी मंजिल नई ऊचाइयों को छूने के लिए इनको पुकार रही है। सी.एम.एस. के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने देश-विदेश से पधारे बाल गणितज्ञों को अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि सी.एम.एस. बालकों में वैज्ञानिक सोच और विश्व बन्धुत्व की भावना डालना चाहता है क्योंकि आगे आने वाली शताब्दी में गणित और विज्ञान द्वारा ही हम विश्व की समस्याओं का हल निकल सकते हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि बच्चे यहां आपस में मिलकर आगे के भविष्य में एक दुनिया एक परिवार की बात सोच रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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