उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने भारत सरकार से केन्द्रीय वित्त पोशित योजनाओं में पूर्ण कालिक राज्य कर्मियों की नियुक्ति किये जाने के सम्बन्ध में नीति बनाये जाने की मांग की है।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने आज इस सम्बन्ध में प्रधान मन्त्री डॉ0 मनमोहन सिंह जी को प्रेशित अपने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोशित योजनाओं के क्रियान्वयन में अल्पकालिक, अस्थायी एवं संविदा के आधार पर की जानी वाली नियुक्तियों की उनके द्वारा समीक्षा की जानी चाहिए एवं यदि आवश्यक हो तो उनके स्थान पर पूर्णकालिक एवं सुव्यवस्थित राज्य कर्मियों की नियुक्ति की नीति बनायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि केन्द्र द्वारा वित्त पोशित योजनाओं में नियुक्त किये जाने वाले कार्मिकों के सम्बन्ध में वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था से जहां एक ओर नियुक्त कार्मिकों में असन्तोश की भावना व्याप्त रहती हैं, वहीं दूसरी ओर वे अपने भविश्य के प्रति भी आशंकित रहते हैं।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने पत्र में यह भी कहा कि भारत सरकार द्वारा िशक्षा विभाग में िशक्षामित्र, ग्राम्य विकास विभाग में रोजगार सेवक, कृशि विभाग में किसान मित्र, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में आशा कार्यकत्री, महिला एवं बाल कल्याण विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकत्री आदि जैसे जनता से सीधे जुड़े क्षेत्रों के लिए जो योजनायें संचालित की जा रही हैं, उनमें भारी संख्या में विभिन्न पदों पर संविदा के आधार पर नियुक्तियों की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अधिकांश योजनायें अल्पकालिक होती हैं तथा इन योजनाओं में कार्यरत कार्मिकों में अल्पवेतन तथा अस्थायी व्यवस्था के प्रतिरोश की भावना व्याप्त रहती है।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा है कि मनरेगा के क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार द्वारा जो मार्ग निर्देिशका जारी की गई है, उनमें ग्राम पंचायत स्तर पर योजना के क्रियान्वयन के लिए संविदा के आधार पर रोजगार सेवकों को रखे जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इसी योजना में भारत सरकार द्वारा अन्य कार्मिकों जैसे - अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, लेखाकार, कम्प्यूटर आपरेटर एवं अभियन्ताओं की नियुक्ति भी संविदा के आधार पर किये जाने के निर्देश केन्द्र सरकार द्वारा दिये गये हैं।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा है कि अस्थायी संविदा पर कर्मियों की तैनाती की इसी प्रकार की व्यवस्था भारत सरकार द्वारा वित्त पोशित अन्य योजनाओं में भी है। उन्होंने कहा कि इन योजना के कार्मिक समय-समय पर अपनी सेवाएं स्थायी कराये जाने, वेतन बढ़ाये जाने, अन्य सुविधायें दिये जाने आदि की मांगों को लेकर आन्दोलन करते रहते हैं, जिसका सीधा प्रभाव राज्य की शान्ति व्यवस्था पर पड़ता है।
माननीया मुख्यमन्त्री जी द्वारा प्रधानमन्त्री जी को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा यदि पूर्ण कालिक एवं सुव्यवस्थित राज्य कर्मचारियों की वित्त पोशित करने की नीति बनायी जाती है, तो राज्य सरकारें शासकीय कार्मिकों के माध्यम से इन योजनाअों का क्रियान्वयन अच्छी तरह से करा सकेगी। उन्होंने कहा कि स्थायी व्यवस्था हो जाने से जिन असन्तोश एवं अड़चनों का सामना वर्तमान में राज्य सरकारों को करना पड़ रहा है, उससे वे मुक्त हो सकेंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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