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सर्वाधिक पदकों के लिए देश-विदेश की टीमों में रही होड़

Posted on 04 December 2010 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय युवा गणितज्ञ सम्मेलन (आई.वाई.एम.सी.-2010) का तीसरा दिन बेहद दिलचस्प रहा। सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आज जहां एक ओर विश्व के 13 देशों से पधारे बाल गणितज्ञों ने जूनियर व सीनियर वर्ग की गणित िक्वज प्रतियोगिता में अपनी गणित प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन किया तो वहीं दूसरी ओर मैथमेटिकल फेयर में प्रतिभागी छात्र टीमों ने प्रोजेक्ट, पजल्स आदि शानदार प्रस्तुतियों द्वारा दिलचस्प व ज्ञानवर्धक नजारा प्रस्तुत किया। इन प्रतियोगिताओं में देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों का उत्साह देखने लायक था। सी.एम.एस. कानपुर रोड का विशाल परिसर आज `ग्लोबल विलेज´ का नजारा प्रस्तुत कर रहा था जहां 13 देशों इंग्लैण्ड, दक्षिण अफ्रीका, भूटान, फिलीपीन्स, थाईलैण्ड, कोरिया, रूस, ईरान, नेपाल, इण्डोनेशिया, श्रीलंका, कतर एवं भारत के बाल गणितज्ञ अपने गणित ज्ञान का अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रहे हैं।

11 आई.वाई.एम.सी.-2010 के तीसरे दिन का शुभारम्भ आज अमेरिका से पधारे प्रख्यात गणितज्ञ श्री मार्क सॉल द्वारा दीप प्रज्वलन समारोह से हुआ। इस अवसर पर अपने सारगभिZत संभाषण में श्री मार्क सॉल ने कहा कि वर्तमान में हम जो वैज्ञानिक प्रगति देख रहे हैं उसका आधार गणित ही है। गणित विषय एक महासागर है, ऊपर से जितना कठिन लगता है, यह उतना ही दिलचस्प है। प्रतिभागी छात्रों के उत्साह व लगन की प्रशंसा करते हुए श्री सॉल ने कहा कि इन छात्रों में कुछ नया कर दिखाने का इतना जोश है कि यही जोश मानवजाति के विकास का पथ प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती न ही यह किसी देश की सीमा में बांधकर रखा जा सकता है। वैज्ञानिक सोच और गणित के सिद्धान्तों से ही मनुष्य की प्रगति सम्भव है। यह सत्य की तरह अनन्त है, इसमें जितनी गहराई है, उतने ही फल देने की शक्ति भी, किन्तु इसके लिए वैज्ञानिक सोच भी जरूरी है।

आज तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण प्रख्यात िक्वजमास्टर श्री बैरी ओ ब्राइन द्वारा संचालित गणित िक्वज  प्रतियोगिता रही। प्रत्येक टीम में तीन प्रतिभागी छात्र थे। दो राउण्ड में यह प्रतियोगिता आयोजित की गई, लिखित प्रतियोगिता के पश्चात चयनित टीमों को फाइनल िक्वज प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमें गणित की विभिन्न शाखाओं से प्रश्न पूछे गये। अंकगणित, बीजगणित, रेखागणित व गणित की अन्य शाखाओं में छात्रों का ज्ञान देखते ही बनता था व पूछे गये प्रश्नों का बिजली की गति से त्वरित उत्तर देकर छात्रों ने अपनी दक्षता सिद्ध कर दी। इससे पहले जूनियर वर्ग की िक्वज प्रतियोगिता के फाइनल राउण्ड के लिए थाईलैण्ड, कोरिया, फिलीपीन्स, इण्डोनेशिया एवं इंग्लैण्ड की छात्र टीमों ने अपने स्थान सुनिश्चित किया जबकि सीनियर वर्ग में िक्वज प्रतियोगिता के फाइनल राउण्ड में लामार्टिनियर कालेज, लखनऊ, स्कालर्स होम, लखनऊ, कोरिया साइंस एकेडमी, कोरिया एवं सी.एम.एस. की महानगर, गोमती नगर, अलीगंज, स्टेशन रोड एवं आर.डी.एस.ओ. शाखाओं ने प्रतिभाग किया।

22 अपरान्ह: सत्र में आयोजित मैथमेटिकल फेयर का दिलचस्प नजारा इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का एक यादगार अवसर था जिसमें देश-विदेश की 23 प्रतिभागी टीमों ने अपने गणित ज्ञान का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया। यह मैथमेटिकल फेयर न सिर्फ छात्रों के लिए अपितु शिक्षकों के लिए भी समान रूप से उपयोगी साबित हुआ जिसमें छात्रों ने मैथमेटिकल पजल्स, गेम्स, प्रोजेक्टस, स्पेसिमेन्स, चार्टस इत्यादि की शानदार प्रस्तुतियों से इस प्रतियोगिता की सार्थकता सिद्ध कर दी। दर्शकों में भी इस अनूठे आयोजन के लिए विशेष उत्साह था एवं सभी ने छात्रों की रचनात्मक सोच व गणित विषय को आसान तरीके से समझने-समझाने व सभी के लिए रूचिपूर्ण बनाने के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस मैथमेटिकल फेयर में इंग्लैण्ड, फिलीपीन्स, कोरिया, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया, श्रीलंका, नेपाल तथा भारत के विभिन्न भागों से पधारी छात्र टीमों ने प्रतिभाग किया।

सी0एम0एस0 के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सांय सत्र में देश विदेश की प्रतिभागी टीमों ने शानदार शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया और नाटक, गीत, नृत्य इत्यादि द्वारा अपने देश की संस्कृति की झलक पेश की और दर्शकों का दिल जीत लिया। इस सांस्कृतिक समारोह में जहां एक ओर सेंट पॉल गल्र्स स्कूल, लन्दन की छात्र टीम नृत्य व संगीत की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया तो वहीं दूसरी ओर महीडोल वितायानुसोर्न स्कूल, थाईलैण्ड के छात्रों ने नृत्य व संगीत द्वारा अपने देश के `लोई क्राथोंग त्योहार´ का वर्णन किया जिसमें केले के तने को पानी में तैराकर सौभाग्य प्राप्ति की कामना करते हैं। इसी प्रकार कोरिया साइन्स एकेडमी, दक्षिण कोरिया की टीम ने कोरिया की संस्कृति व सभ्यता से अवगत कराया एवं साथ ही साथ अपने देश का एक परम्परागत खेल भी प्रस्तुत किया। कोलम्बो सिटी कालेज, श्रीलंका की टीम ने `बडिगा पटुना´ नामक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसी प्रकार भूटान, नेपाल, इण्डोनेशिया, फिलीपीन्स आदि देशों व देश के विभिन्न प्रान्तों से पधारी छात्र टीमों ने एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियों द्वारा सभी को मन्त्रमुग्ध कर दिया।

श्री शर्मा ने बताया कि अभूतपूर्व सफलता की दास्तान लिखने वाला यह अन्तर्राष्ट्रीय युवा गणितज्ञ सम्मेलन कल सम्पन्न हो जायेगा। कल अपरान्ह: 2.30 बजे आई.वाई.एम.सी.-2010 का “समापन व पुरस्कार वितरण´´ समारोह सी.एम.एस. कानपुर रोड में आयोजित हो रहा है जिसमें देश-विदेश के विजयी प्रतिभागियों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया जायेगा। इस अवसर पर श्री जितेन्द्र कुमार, आई.ए.एस. मुख्य अतिथि के रूप में पधारकर विजयी छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित करेंगे तथापि सी.एम.एस. छात्र देश-विदेश से पधारे बाल गणितज्ञों व प्रख्यात गणित विशेषज्ञों के सम्मान में रंगारंग शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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