केन्द्र की कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की बसपा सरकारें मिलकर किसानों को उजाड़ने और बबाZद करने में लगी हैं। जबरन जमीन अधिग्रहण का खेल अब भी चल रहा है। किसानों की जमीन छीनकर मुआवजे के नाम पर उन्हें ठगा जा रहा है। इसका विरोध करने पर किसानों को दमन का शिकार बनाया जाता है। मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच किसान आन्दोलित हैं। समाजवादी पार्टी इस संघशZ में किसानों के साथ है, उनकी जमीनो के जबरन अधिग्रहण और पर्याप्त मुआवजा न दिए जाने पर बड़ा आन्दोलन होगा।
एनएच-58 के अन्तर्गत 62 गांवो में किसानों को बेदखल किए जाने की कार्यवाही इन दिनों चल रही है। हाई वे का निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही वहां टोल टेक्स भी 15 दिसम्बर से लागू करने का फर्मान जारी हो गया है। मुआवजे की रकम को लेकर किसानों की मांग पर केन्द्र-राज्य दोनों के अफसर हीलाहवाली कर रहे हैं। किसानों की जमीनों के रेट में भी समान पैमाना नहीं अपनाया गया। कम घोिशत रकम से आक्रोशित किसानों पर सरकार ने दमन चक्र चला दिया है। लगभग 300 किसानों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करा दिए गए है। किसानों के आन्दोलन के समाजवादी नेता श्री राजपाल सिंह लगातार संघशZरत है।
केन्द्र की मिलीभगत से प्रदेश में मायावती सरकार ने गंगा और यमुना एक्सप्रेस वे और ताज कारिडोर परियोजनाओं के जरिए किसानों की खेती और जिन्दगी से खिलवाड़ करने की साजिशें रची। किसानों ने उचित मुआवजा मांगा तो उन पर लाठी गोली से बसपा सरकार हमलावर हुई। झूठे आश्वासन और प्रलोभन देकर किसानों के आन्दोलन को तोड़ने का शड़यन्त्र भी किया गया। समाजवादी पार्टी ने हमेशा जबरन भ्ूामि अधिग्रहण का विरोध किया है और किसानों ने आन्दोलन में ‘ाामिल रही है।
समाजवादी पार्टी किसानों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्व रही है। श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमन्त्रित्वकाल में किसान हित की कई योजनाएं चलाई थीं। प्रदेश की बसपा सरकार और केन्द्र की कांग्रेस सरकारें पूूंजीपतियों को संरक्षण देती हैं और किसानों की जमीन सस्ते दामों पर लेकर बिल्डरों को बांटती है। बीच में मुख्यमन्त्री का तगडा कमीशन तय रहता है। इसीलिए जब किसान इसके विरोध में खड़े होते है तो उन पर लाठियां गोलियां बरसाई जाती है। प्रदेश में किसानों के आक्रोश से जुल्मी सरकारों से जल्दी ही छुटकारा मिल सकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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