ऑल इण्डिया माइनारिटी - ओ.बी.सी. फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल कलाम अंसारी नेें कहा है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भारत सरकार के पूर्व सदस्य श्री अब्दुल अली अजी़जी मंसूरी का कार्यकाल पिछड़े, मुसलमानों व अन्य अल्पसंख्यकों के उत्थान और उनको जागरूक बनाने के लिए स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा।
बहैसियत सदस्य राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, भारत सरकार श्री अब्दुुल अली अजी़जी मंसूरी ने पश्चिम बंगाल सरकार की पिछले तीन दशकों से चली आरही अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ भेदभाव, अन्याय और सौतेले व्यवहार को उजागर कर प. बंगाल सरकार का असली मुखौटा जनता के सामने लाने का जनहितकारी कार्य किया है। उनकी मांग कि प. बंगाल में चले आ रहे अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों का अरक्षण जो कि सिर्फ 7 प्रतिशत था उसको 27 प्रतिशत किया जाये। जिसमें से 10 प्रतिशत आरक्षण पिछड़े मुसलमानों को और 17 प्रतिशत आरक्षण हिन्दू अन्य पिछड़े वर्ग को दिया जाये। श्री अजी़जी के बार-बार सरकारी दौरों, सुनवाईयों, मीटिंगों कोशिशों और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की जबाब-तलबी एवं प. बंगाल की जनता से मिल रहे जन समर्थन से घबराकर दबाव में ही, प. बंगाल सरकार को 10 प्रतिशत आरक्षण शिक्षा एवं रोजगार में दने का सरकारी हुक्तनामा जारी करना पड़ा।
श्री अंसारी ने आगे बताया कि श्री अजी़जी मंसूरी ने आसाम में मुसलमानों की चारू बिरादरी जो वषोZ से पिछड़ों की केन्द्रीय सूची में आने के लिए कोशिश में लगी थी, सुनवाई करके चारू बिरादरी को पिछड़ों की केन्द्रीय सूची में शामिल करने का निर्देश राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को दिया, जिससे लाखों मुसलमानों को अब केन्द्र सरकार की हर सुविधाओं का फायदा मिलना शुरू हो जायेगा। इसी तरह गोवा में भी आजादी के बाद आज तक कोई भी ओ.बी.सी. बिरादरी न तो राज्य सरकार की और न ही केन्द्र सरकार की सूची में शामिल थी, वहां जाकर श्री अजी़जी ने अपने माध्यम से अन-जागृति अभियान चलाकर उनको राज्य एवं केन्द्रीय सूची में लाने की शुरूआत कर दी है। गोवा में मुसलमानों की कुल आबादी 12 प्रतिशत है जिसमें से 45 प्रतिशत लोग अन्य पिछड़ा वर्ग से आते है। इसी तरह श्री अजी़जी ने उत्तराखण्ड सरकार जो पिछले 10 सालों से राज्य पिछड़ा वर्ग सूची जिसे केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में शामिल होने के लिए भेजना था, उसको लेकर नििष्क्रय, चुपचाप बैठी थी। श्री अजीजी ने 6 जुलाई 2010 को आयोग की मीटिंग में प्रस्ताव पारित कर, उत्तर प्रदेश को आधार मानकर (जो भी बिरादरी उत्तर प्रदेश की केन्द्रीय सूची में दर्ज थी), केन्द्र सरकार के पास भेज दी है।
श्री अंसारी ने आगे बताया कि श्री अब्दुल अली अजी़जी ने महाराष्ट्र की 18 बिरादारियों जैसे बागवान, राईन, खटिक कुरैशी, मंसूरी,नद्दाफ, पिंजारा आदि राजस्थान की मेवी, हिन्दी मुस्लिम, भिश्ती, देशावली, मंसूरी आदि, उत्तर प्रदेश की गाढ़ा बिरादरी, गुजरात के अरबी मुसलमान, सुमरा, मंसूरी आदि बिहार, झारखण्ड में अंसारी, जुलाहा, मंसूरी आदि व अन्य प्रदेशों में भी राज्य सरकार के मुस्लिम पिछड़े वर्ग के छूटे हुए बिरादरियों को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की केन्द्रीय सूत्री में शामिल करने का साहयिक एवं जनहितकारी कार्य किया है, जिससे तकरीबन 6 करोड़ पिछड़े वर्ग के मुसलमानों को केन्द्र सरकार की सारी सहूलतोें का फायदा मिलेगा।
इसके अलावा श्री अजी़जी ने राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चला कर शमशान भूमि व कब्रिस्तान की घेरा बन्दी, प्रकाश व मार्ग की व्यवस्था करना, पेड़-पौधे लगाकर सौन्द्रीयकरण करना, लकड़ियों को रखने के लिए टीन-शेड बनवाना, वजू खाना व गुसल खाना बनवाया और केन्द्र सरकार से कोशिश करके इसको मनरेगा में शामिल करवाने का बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किया हैै।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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