फेल नमूने के विरूद्व मुकद्में दर्ज कराकर प्रभावी अभियोजन कार्यवाही
जिलाधिकारी अमृत अभिजात ने निर्देश दिये है कि खाद्य निरीक्षक नियमित रूप से प्रवर्तन की कार्यवाही करें और प्रतिदिन क्षेत्रों का निरीक्षण करें। उन्होंने खाद्य निरीक्षक वार अभियोजन पंजिका बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निरीक्षण रिपोर्ट की प्रतिलिपि उसी दिन अवलोकनार्थ नगर मजिस्ट्रिेट को भेंजे। उन्होंने सैम्पल लेने की कार्यवाही के साथ अभियोजन कार्यवाही को भी प्रभावी बनाने पर बल दिया।
जिलाधिकारी ने आज कलेक्ट्रेट में खाद्य निरीक्षक वार सैम्पल लेने, निरीक्षण, निर्गत लाइसेंस का विवरण, अभियोजन कार्यवाही आदि की विस्तार से समीक्षा की । उन्होंने सूचना संकलन पर ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि मिलावट, अधोमानक सामान बनाने तथा बिक्री करने वालो की सूचना जिला प्रशासन के वरिश्ठ अधिकारियों को भी देते रहे। उन्होंने कहा कि सभी खाद्य निरीक्षक अपनी डायरी को अप-टू-डेट रखें।
जिलाधिकारी ने खाद्य पदाथोंZ के साथ-साथ नकली और अधोमानक दवाईयों की बिक्री के विरूद्व भी अभियान चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि फूड सेफ्टी , सी.आर.पी.सी, ट्रैडमार्क एक्ट, कापीराइट एक्ट सहित सभी प्राविधानों पर कार्यवाही करें। उन्होंने बताया कि कुल फेल 198 प्रकरणों मे से 115 में अनुमति जारी होगी गई है और 75 प्रकरणों में मुकदमें दर्ज कराये जा चुके है। अवशेश प्रकरणों में अबिलम्व मुकदमें दर्ज कराकर प्रभावी पैरवी के निर्देश दिये।
बैठक का संचालन करते हुए एलएचए/ नगर मस्ट्रिेट चन्द्रशेखर ने निरीक्षक/क्षेत्रवार की गई कार्यवाही से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि नगर का फूड मैप तैयार कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने फूड मैप का अवलोकन कर मिल्क रूट भी सम्मिलित करने के निर्देश दिये किन-किन मार्गो से दूध आता है।
नगर मजिस्ट्रेट ने सचेत किया कि जिन खाद्य निरीक्षकों की प्रगति सन्तोशजनक नही पायी जायेगी उनके विरूद्व सख्त कार्यवाही करते हुए शासन को भी अवगत कराया जायेगा। उन्होंने खाद्य निरीक्षक गिरीश कुमार का कार्य सन्तोश जनक न पाये जाने पर जिला मुख्यालाय पर सम्बद्व करने के निर्देश दिये। खाद्य निरीक्षक कृपा शंकर को भी चेतावनी जारी कर उनके विरूद्व कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। बैठक मे सभी खाद्य निरीक्षक उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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