गोमती तट वासी निशादों का मुख्य पेशा बाध निर्माण है। जहां पर बाध निर्माण वशZ भर होता रहता है। जनपद में बाध का कारोबार लगभग तीन करोड़ सलाना है जो उ0प्र0 सहित दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के प्रमुख नगरों तक जाता है। परन्तु बाध उद्योग तथा बाध कारीगर निशादों की दशा अबतक सध्ुार नहीं पायी है। जिलाधिकारी अथवा मुख्य विकास अधिकारी के साथ स्थानीय मन्त्री अथवा विधायक जिला योजना की ब्ौठक में उक्त प्रकरण को नहीं रखते। बाध निर्माण कुटीर उद्योग प्रशासनिक उपेक्षा के चलते अन्य कुटीर उद्योगो की तरह मृत प्राय हो रहा है। जिससे निशाद परिवार के लोग भूखमरी के कगार पर पहुंच गये हैं। उक्त बातें खेमई प्रसाद निशाद ने जन प्रतिनिधियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अपने केवल वोट बैंक से मतलब है इनकी स्थिति से नहीं। श्री निशाद ने नगर में कोई बाध मण्डी न होने से बाध कारीगरों के बैठने आदि की कोई सुविधा नहीं है। नगर की मुख्य सड़क इलाहाबाद-फैजाबाद रोड पर खैराबाद मोहल्ले में बाध मण्डी के नाम से जानी जाती है जहां पर उक्त कारीगर सड़क के किनारे रखकर अपने बाधो को बेचते है। नगर का व्यस्थतम चौराहा होने के कारण सवारियों की भीड़ लगी रहती है आये दिन दुघZटनाएं भी होती रहती है। बाध मण्डी हेतु कस्बा पांचोपीरन में भूमि अधिगृहीत की गई है, परन्तु प्रशासनिक उपेक्षा के चलते उक्त स्थान मण्डी के रूप में विकसित नहीें हो सका है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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