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किशोर न्याय अधिनियम के बेहतर क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार के साथ एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर का प्रस्ताव अनुमोदित

Posted on 22 November 2010 by admin

मंत्रिपरिषद ने किशोर न्याय अधिनियम, 2000 यथा संशोधित, 2006 के बेहतर क्रियान्वयन के उद्देश्य से भारत सरकार एवं राज्य सरकार के मध्य समझौता ज्ञापन Memorandum of understanding पर हस्ताक्षर किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर भारत सरकार के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा तथा राज्य सरकार के प्रमुख सचिव, महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जायेगा। मंत्रिपरिषद ने यह भी निर्णय लिया कि भारत सरकार को यह अवगत करा दिया जायेगा कि उनके द्वारा यदि योजना के फन्डिंंग पैटर्न तथा कार्यक्रमों में भविष्य में किसी प्रकार का संशोधन किया जाता है तो, राज्य सरकार अनिवार्य विधिक अभिकरणों के अतिरिक्त अन्य अभिकरणों के संचालन के संबंध में पुनर्विचार कर सकती है।

ज्ञातव्य है कि किशोर न्याय अधिनियम, 2000 यथा संशोधित, 2006 तथा आदर्श नियमावली, 2007 के प्राविधानों के बेहतर यािन्वयन हेतु भारत सरकार द्वारा केन्द्र पुरोनिधानित 03 योजनाओं- 1सड़क पर रहने वाले बेघर एवं परिवार रहित बच्चों हेतु समेकित कार्यक्रम, 2किशोर न्याय कार्यक्रम तथा 3देश में दत्तक ग्रहण को बढ़ावा देने हेतु राजकीय एवं स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा संचालित बाल गृहों शिशु गृह को सहायता की योजना को संविलीन करते हुए एक नवीन योजना ’समेकित बाल संरक्षण स्कीम’ आई0सी0पी0एस0 का प्रारूप तैयार कर सभी राज्यों को प्रेषित किया गया।

उपरोक्त योजनाओं में प्रथम तथा तृतीय योजना में, पूर्व में राज्य सरकार का कोई अंशदान सम्मिलित नहीं था और ये योजनाएं भारत सरकार के अंशदान पर आधारित थीं। इन योजनाओं में स्वैच्छिक संगठनों में सीधे धनराशि भारत सरकार द्वारा अवमुक्त की गयी। राज्य सरकार द्वारा संचालित 05 बाल गृहों शिशु की दत्तक ग्रहण इकाई को भी शिशु गृहों की सहायता योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2007-08 में केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण के माध्यम से 13-99 लाख रूपये की धनराशि सहायता के रूप में प्राप्त हुई। द्वितीय योजना में भारत सरकार द्वारा अपने मानकों के आधार पर राज्य सरकार को अत्यल्प धनराशि अवमुक्त की जाती रही। चूंकि किशोर न्याय अधिनियम के यािन्वयन का दायित्व राज्य सरकार का है, इसलिए भारत सरकार से प्राप्त धनराशि के अतिरिक्त, शेष धनराशि का व्यय भार राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से वहन किया जाता रहा है।

आई0सी0पी0एस0 के बजट अनुमान में वर्ष 2008-09 से वर्ष 2011-12 तक 1338-06 करोड़ रूपये के अनुमानित बजट के सापेक्ष केन्द्रांश के रूप में 1071-03 करोड़ रूपये उल्लिखित है। यह अवधि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के अन्त तक की है। योजना के आगे चालू रहने की भी संभावना है। योजना को प्रदेश में लागू किए जाने हेतु भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने की व्यवस्था की गयी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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