संग्रहणकर्ताओं में सामान्य रूप से अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सदस्य ही होते हैं
अभी तक संग्रहणकर्ताओं को दी जाने वाली धनरािश उनके आर्थिक स्तर में सुधार लाने में नाकाफी
उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने प्रदेश में तेन्दू पत्ता संग्रहणकर्ताओं की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए तेन्दू पत्ता से प्राप्त शुद्ध आय का 50 प्रतिशत संग्रहणकर्ताओं को सीधे उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए हैं। यह जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता ने बताया कि आज माननीया मुख्यमन्त्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई मन्त्रिपरिशद की बैठक में ´´उत्तर प्रदेश ग्राम वन संयुक्त प्रबन्ध नियमावली-2002´´ में आवश्यक संशोधन करके प्रदेश के तेन्दू पत्ता संग्रहणकर्ताओं के पक्ष में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा तेन्दू पत्ता इक्ठ्ठा करने का कार्य स्थानीय श्रमिकों के माध्यम से कराया जाता है। संग्र्रहण के उपरान्त संग्रहणकर्ताओं द्वारा तेन्दू पत्ता को वन निगम द्वारा स्थापित क्रय केन्द्रों पर बेचा जाता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा तेन्दू पत्ता की संख्या/गड्डी एवं धनरािश का सम्पूर्ण विवरण देते हुए संग्रहणकर्ता को कूपन जारी कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रत्येक फड़ पर तेन्दू पत्ता संग्रहणकर्ताओं द्वारा बेची गई मात्रा एवं उनको देय धनरािश का अभिलेखीय विवरण उपलब्ध रहता है। उन्होंने कहा कि तेन्दू पत्ता के क्षेत्रों में इसी प्रकार संग्रहणकर्ताओं द्वारा पारम्परिक रूप से तेन्दू पत्ता का संग्रहण कार्य किया जाता रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि माननीया मुख्यमन्त्री जी का मानना है कि तेन्दू पत्ता संग्रहणकर्ताओं में सामान्य रूप से अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सदस्य ही होते हैं, जिनके आर्थिक स्तर में सुधार किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसीलिए माननीया मुख्यमन्त्री जी ने तेन्दू पत्ता संग्रहणकर्ताओं को तेन्दू पत्ता से प्राप्त शुद्ध आय का 50 प्रतिशत उनके मध्य बराबर-बराबर भागों में वितरित किए जाने के लिए 28 दिसम्बर, 2002 को जारी अधिसूचना ´´उत्तर प्रदेश ग्राम वन संयुक्त प्रबन्ध नियमावली-2002´´ में उपरोक्तानुसार व्यवस्था करने का निर्णय लिए हैं।
गौरतलब है कि अभी तक तेन्दू पत्ता के संग्रहणकर्ताओं से केवल संग्रहित तेन्दू पत्ता के क्रय करने की व्यवस्था है। वशZ 2010 में संग्रहण की दर 500 रूपये प्रति मानक बोरा (50 हजार तेन्दू पत्ता) निर्धारित है, इस प्रकार अभी तक संग्रहणकर्ताओं को दी जाने वाली धनरािश उनके आर्थिक स्तर में पर्याप्त सुधार लाने में नाकाफी थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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