भारतीय जनता पार्टी द्वारा कंाग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव श्री राहुल गांधी जी के ऊपर की गई अशोभनीय टिप्पणी उनकी बीमार और कमजोर मानसिकता को दर्शाती है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी और आर.एस.एस. पूरी तरह से बूढ़े और बीमार लोगों का संगठन बनकर रह गया है इसलिए आये दिन अनाप-शनाप भाषा का प्रयोग करते रहते हैं। पूरे देश में जिस तरह से आर.एस.एस. की लगभग 10हजार शाखाएं बन्द हो चुकी हैं और आज का नौजवान फासिज्म के विषय में सोचना भी नहीं चाहता है ऐसे में बौखलाहट में चाहे वह के.एस. सुदर्शन हों, प्रवीण भाई तोगड़िया हों या अब उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी द्वारा फिल्मी डायलाग और लटकों-झटकों जैसे शब्दों का सहारा लेकर चर्चित होना चाहते हैं। अच्छा होता कि भारतीय जनता पार्टी के लोग राजनैतिक मर्यादा का ख्याल रखते हुए राजनैतिक भाषा का प्रयोग करना सीखें तथा शब्दों के चयन में सावधानी बरतें, नहीं तो आज का जागरूक समाज उन्हें माफ नहीं करेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव श्री राहुल गांधी द्वारा लगातार दलितों, अल्पसंख्यकों तथा नौजवानों के लिए उठाये जा रहे आवाज से जिस तरह अभी तक प्रदेश सरकार और उसकी मुखिया विचलित होती रही हैं, लगता है कि आज उसी तरह का डर उ0प्र0 में खत्म हो चुकी भारतीय जनता पार्टी को सता रहा है। यही कारण है कि उनकी लोकप्रियता को देखकर भारतीय जनता पार्टी “कत्थक´´ करते नज़र आती है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने श्री राहुल गांधी जैसे महान नेता के विषय में टिप्पणी की है, अच्छा होता श्री गांधी की लोकप्रियता और उन्हें मिल रहे जनसमर्थन से प्रेरणा लेकर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सीख लेती कि अगर इस देश में लोकप्रिय होना है तो रचनात्मक कार्य करने होंगे, अन्यथा आज जो दुर्दशा भारतीय जनता पार्टी की हो रही है उससे अधिक होने वाली है और कहीं ऐसा न हो कि आने वाले वषोZं में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सिर्फ इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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