अब घनी आबादी या फिर बीच बाजार में न तो आतिशबाजी की दुकान दिखाई देगी और न ही इनके गोदाम नजर आएंगे। जिलाधिकारी राजशेखर ने इस कारोबार से जुड़े लोगों को साफ- साफ निर्देश दिया है कि बारह दिसंबर के बाद आबादी के बीच में कारोबार होता है तो संबंधित व्यक्ति या फर्म का लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
शहर में अधिक आबादी नहीं होने के कारण पहले आतिशबाजी की बिक्री व गोदाम बनाने के लिए लाइसेंस निर्गत कर दिये गये थे। इसके बाद धीमे - धीमे आबादी बढ़ी और खुला बाजार गलियों में सिमटता चला गया। पहले खुले में बने गोदाम अब गलियों में समा गये हैं और हर समय हादसे का अंदेशा बना रहता है। दिन पर दिन खतरनाक हो रहे इन गोदामों को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने सभी थोक व्यवसायियों को नोटिस जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि वह घनी आबादी के बीच में आ चुके आतिशबाजी के गोदाम या फिर दुकान को अन्यत्र ऐसे स्थान पर शिफ्ट कर लें, जहां यदि दुर्भाग्यवश कोई हादसा हो भी जाता है तो जन- धन को बचाया जा सके।
जिलाधिकारी ने लाइसेंस धारकों को माल दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के लिए बारह दिसंबर तक का टाइम दिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि तय मियाद के बाद यदि कहीं आतिशबाजी का गोदाम या फिर दुकान नजर आती है तो संबंधित का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।
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Vikas Sharma
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