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कोरियोग्राफी प्रतियोगिता द्वारा `सृजन, त्याग व खुशी´ का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया देश-विदेश के छात्रों ने

Posted on 20 November 2010 by admin

dance1सिटी मान्टेसरी स्कूल, अलीगंज कैम्पस के तत्वावधान में सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में चल रहे पांच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक ओलिम्पयाड `सेलेस्टा-2010´ के चौथे दिन आज श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल व देश के कोने-कोने से पधारे बाल कलाकारों ने आज कोरियोग्राफी प्रतियोगिता के माध्यम से `सृजन, त्याग व खुशी´ का अभूतपूर्व प्रदर्शन कर दिखा दिया कि जीवन में सन्तुलन के लिए इन तीनों का समन्वय नितान्त आवश्यक है और मानव स्वभाव की यह तीनों भावनाएं आध्याित्मक चेतना व चारित्रिक उत्थान से ही वास्तविक रूप में साकार हो सकती हैं। इससे पहले आज प्रात:कालीन सत्र में `सेलेस्टा-2010´ के चौथे दिन का विधिवत उद्घाटन प्रख्यात कोरियोग्राफर सुश्री संगीता शर्मा व सुश्री विधी नागर ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर देश-विदेश से पधारे बाल कलाकारों ने `फीड बैक सेशन´ में अपने विचार व्यक्त करते हुए `सेलेस्टा-2010´ की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि इस आयोजन से प्राप्त विश्व एकता व विश्व शान्ति के विचार वे अपने देश में भी प्रचारित प्रसारित करेंगे।

collage1आज कोरियोग्राफी प्रतियोगता में कुल 24 टीमों ने प्रतिभाग किया। इस प्रतियोगिता का विषय था “इनोवेशन, सैक्रिफाइस एण्ड प्लेजर´। इसी विषय को लेकर देश-विदेश की प्रतिभागी टीमों ने अपना मूक नृत्य प्रस्तुत किया और संगीत, नृत्यकला, विषय एवं प्रस्तुति के आधार पर प्रतिभागी टीमों को अंक दिये गये। इस प्रतियोगिता में प्री-रिकाडेZड गाना वर्जित था जबकि प्री-रिकाडेZड वाद्य संगीत का प्रयोग किया गया। इसके अलावा आलाप एवं श्लोक का प्रयोग भी किया गया जिसका प्रस्तुति पर सहज ही प्रभाव देखा जा सकता था। प्रतियोगिता की प्रत्येक टीम में 6 छात्र थे एवं प्रत्येक टीम को 8 मिनट का समय दिया गया। लामार्टिनियर गल्र्स कालेज, लखनऊ की छात्राओं ने `असत्य पर सत्य पर विजय´ को मंच पर जीवन्त किया। इन छात्राओं ने दुगाZजी की स्तुति अत्यन्त ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत की। रॉयल इन्स्टीट्यूट, श्रीलंका की छात्राओं ने शान्ति एवं एकता का सन्देश हंस नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस नृत्य के माध्यम से श्रीलंकाई छात्राओं ने दर्शाया कि हंस कैसे शान्ति से जल में विचरण कर रहे थे एवं शिकारी आकर उन पर जाल डालकर पकड़ना चाहता है। इस मूक नृत्य में श्रीलंकाई छात्राओं की भावपूर्ण प्रस्तुति वाकई लाजबाब रही जिसका दर्शकों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। इसी प्रकार नेपाल से पधारे पार्टनर्स, नेपाल के प्रतिभागी छात्रों ने पारम्परिक नृत्य अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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