अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन में तकनीकी सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार का उद्घाटन आर.डी.एस.ओ. के महानिदेशक के.बी.एल. मित्तल ने दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन के बाद अपर महानिदेशक वी.के. जैन मैग्नेटिक लेवीटेशन पर आधारित मैगलेव रेलगाड़ी प्रचालन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्हेांने जर्मनी, रूस और अन्य देशों में संचालित हो रही मैग्नेद तकनीक का विस्तृत ब्यौरा रखते हुए कहा कि इस तकनीक से ही 550 किमी से अधिक की गति को हासिल किया जा सकता है। मैग्नेटिक तकनीक पूरी तरह से सुरक्षित है और कम खर्चीली है। इस तकनीक के जरिये रेलगाड़ी के कल पुर्जे भी नही घिसते है। इस तकनीक को अपनाने से भारत में भी उच्च गति की ट्रेन चलायी जा सकेगी। भारत की भौगोलिक और सघन स्थिति को देखते हुए मैग्नेटिक ट्रेन का संचालन पूरी तरह से सुरक्षित है। मैगलेव रेलगाड़ी प्रचालन प्रणाली एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जिसमें पूरी रेलगाड़ी जमीन के ऊपर उठ जाती है। उन्होंने विश्व के कुछ देशों द्वारा अपनायी जा रही इस सुविधा को चित्रों के माध्यम से स्लाइड प्रेजेन्टेशन भी किया। इस प्रणाली को लेकर उन्होंने सवालों के जवाब भी दिये। सेमिनार में ही एक्सल पर ए.के. यादव ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्हेांने अपने व्याख्यान में डिजिटल एक्सल काउण्टर, कोहरा तकनीक, रडार इमेजिंग टेक्नोलाजी पर विस्तृत चर्चा की। कर्यक्रम में ही वर्तमान रूझानां, जम्मू-श्रीनगर रेल सेक्शन में चिनाव नदी पर निर्मित किये जा रहे महत्वपूर्ण पुल के निर्माण में विभाग की मुख्य भूमिका पर भी व्याख्यान प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम में महानिदेशक के.बी.एल. मित्तल, अपर महानिदेशक वी.के. जैन कार्यकारी निदेशक ए.के. माथुर समेत बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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