केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखन सन् 1972 में अपनी स्थापना के समय से ही तकनीकी विकास एवं प्रसार के क्षेत्र में दो के किसानों, उद्यमियों, निर्यातकों आदि की सेवा करता रहा है। अब संस्थान अपने हरदोई रोड स्थित रहमानखेड़ा, लखन मुख्यालय में किसानों की उपोष्ण फलोत्पादन संबंधित समस्याओं के तात्कालिक समाधान के लिए वैज्ञानिक-किसान चर्चा हेतु ’मीडिया संसाधन केन्द्र/सी-आई-एस-एच- दूरभाष सहायता सेवा/आगंतुक कक्ष’ नामक एक सीधा संचार माध्यम ाुरू करने जा रहा है। दूरभाष सहायता सेवा प्रत्येक ाुवार को पूूर्वान 10:30 बजे से अपरान 4:00 बजे तक दूरभाष न0 0522-2841082 पर उपलब्ध होगी। इस सेवा का उद्देय आम, अमरूद, आवला, बेल, पपीता, जामुन तथा अन्य अधोपयोगी उपोष्ण फलों के उत्पादन, संरक्षण तथा तुड़ाई उपरान्त प्रबंधन से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए किसानों, बागवानों आदि का मार्गर्दान करना है। इस सुविधा का उद्घाटन दिनांक 19 नवम्बर 2010 को प्रात: 08:30 बजे डॉ- एस- अयप्पन, सचिव, कृषि अनुसंधान एवं ाक्षा विभाग, भारत सरकार तथा महानिदोक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा किया जायेगा। उनके द्वारा रहमानखेड़ा स्थित प्रयोगााला परिसर के विस्तार की आधार ाला भी रखी जायेगी। इस कार्यम में डॉ- एच- पी- सिंह, उप महानिदोक बागवानी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भी उपस्थित रहेंगे।
यह संस्थान आम, अमरूद, पपीता, आवला एवं बेल की उत्पादन प्रौद्योगिकियों से संबंधित वैज्ञानिक तथा प्रसार साहित्य प्रकाात करता रहा है तथा इस सेवा द्वारा अब एक और प्रभावकारी प्रयास होगा। यह प्रयास संस्थान के वेबसाइट www.cishlko.org. के माध्यम से वैज्ञानिक-नर्सरी प्रबंधन, फसल उत्पादन मुद्दे, समेकित कीट तथा रोग प्रबंधन, आम, अमरूद एवं आवला के पुराने तथा अनुत्पादक बागों का जीर्णोद्धार, आवला की बागवानी, अमरूद में मीडो बागवानी, तुड़ाई, पैकेजिंग, भंडारण, मूल्य संवर्धन, खाद्य सुरक्षा, विपणन तथा फलों के निर्यात जैसे विाष्ट विषयों पर किसानों को परार्मा सेवा देता है। इस प्रयास को सफल बनाने के लिए किसानों, विद्यार्थियों, पौधााला उद्यमियों, सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं तथा अन्य सभी संबंधित लोगों का अवान किया जाता है कि वे अधिक जानकारी तथा वैज्ञानिकों से चर्चा के लिए संस्थान आकर इस सेवा का लाभ उठायें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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