इंस्टीट्युट फ‚र रिसर्च एण्ड डोक्युमेंटेशन इन सोशल साईंसेज (आई आर डी एस) तथा नेशनल आर टी आई फोरम की तरफ से आईआईएम लखनऊ के पूर्व छात्र मंजुनाथ शंमुगम की याद में एक मीटिंग आयोजित की गई. मंजुनाथ शंमुगम की ºत्या खीरी लखीमपुर जिले में वहां के एक पेट्रोल पम्प मालिक ने अपने गुण्डों के साथ मात्र इसीलिए कर दिया था क्योंकि मंजुनाथ ने उसके गलत मीटर इस्तेमाल और मिलावटी पेट्रोल के खिलाफ कार्यवाही की थी.
यह मीटिंग आईआईएम लखनऊ के पीजीपी ब्लाक में आयोजित हुई जिसमे मंजुनाथ शंमुगम को उनके पुण्य तिथि पर स्मरण किया गया, साथ ही मंजुनाथ को मरणोपरान्त पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने के अभियान को आगे बढाने के सम्बन्ध में भी चर्चा हुई. आईआईएम लखनऊ के छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम में शिरकत की. आई आर डी एस तथा आरटीआई फोरम के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मंजुनाथ आज के हमारे समाज के लिए एक सच्चे आदर्श हैं जिन्होंने अपनी खुद की कुबाZनी दे कर पूरे समाज के समक्ष एक अद्भुत मिसाल कायम की है. उन्होंने इस बात पर भी गर्व प्रकट किया कि किस्मत से वे इन दोनों अकादमिक संस्थानों से जुड़े रहे हैं. सीसीएसआर के उत्कर्ष कुमार सिन्हा का मानना था कि एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में वे पाते है कि मंजुनाथ को सरकारी तन्त्र से वह सम्मान नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए था. आर टी आई कार्यकर्त्री ड‚ नूतन ठाकुर का कहना था कि उनकी संस्था अपने मंजुनाथ तथा आईआईटी कानपुर के सत्येन्द्र नाथ दुबे, जिनकी हत्या भी इसी प्रकार के कारणों से तब कर दी गई थी जब वे नेशनल हाईवे अ‚थोरिटी में कार्यरत थे, को उच्च श्रेणी के पद्म पुरस्कार के अभियान को निरन्तर जारी रखेगी. उन्होंने बताये कि इस हेतु आई आर डी एस तथा आरटीआई फोरम की तरफ से राष्ट्रपति से ले कर कैबिनेट सचिव, गृह सचिव तक सभी सम्बंधित को कई पत्र भेजे गए हैं. इसके अलावा जनजागरण हेतु इन्टरनेट का भी भारी सहारा लिया गया है तथा फेसबुक जैसे सोशल नेट्वोकिंZग साईट और अ‚नलाइन पेटीशन से हजारों लोग इस अभियान में शामिल हो चुके हैं. मानवाधिकार कार्यकर्ता आशीष अवस्थी का मानना था कि मंजुनाथ और सत्येन्द्र आम आईआईएम और आईआईटी वालों से अलग थे और वे इस रूप में इनका सम्मान मन से करते हैं. वे लोग पूंजीवादी व्यवस्था के अनुरूप नहीं थे और इसीलिए मार दिए गए. कक्षा नौ के छात्र आदित्य और कक्षा ग्यारह की छात्रा तनया ने मंजुनाथ की याद में स्वरचित कवितायें प्रस्तुत की. अग्रणी संस्था के अनुपम पाण्डेय, जेएन डिग्री क‚लेज के मनोज पाण्डेय तथा आईआईएम लखनऊ के विशाल गुप्ता, शुशोवन नायक, यतीन्द्र कटारिया आदि छात्रों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की.
अन्त में यह निर्णय हुआ कि यह अभियान मंजुनाथ और सत्येन्द्र को पद्म पुरस्कार दिए जाने तक लगातार जारी रहेगा
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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