समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा रबी की बुवाई के लिए किसानों को खाद,बीज कुछ भी उपलब्ध नहीं हो रहा है। खाद विपणन की अधिकांश सहकारी समितियां बन्द पड़ी हैं और जो चल रही है उनमें दलालों और कर्मचारियों की मिलीभगत से खाद ब्लैक में बेची जा रही है। किसान को हर तरह से परेशान किया जा रहा है। मन्त्री की घोशणा के बावजूद डीएपी उपलब्ध नहीं हो रही है। मुख्यमन्त्री द्वारा किसानों को जरूरत मुताबिक खाद,बीज उपलब्ध कराने के निर्देश हवा हवाई साबित हो रहे है। जनपदो में यू0पी0 ऐग्रो और पीसीएफ के गोदामों पर पर्याप्त स्टाक न होने की शिकायतें मिल रही हैं।
राज्य में सत्तारूढ़ बसपा सरकार किसानों को तबाह करने पर तुली हुई है। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है जिसके कारण खेती घाटे की हो गई है। समाजवादी पार्टी केन्द्र सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य मात्र 20 रूपए बढ़ाए जाने को नाकाफी समझती है और 1500 रूपए प्रतिकुन्तल कम से कम समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग करती है। धान की न्यूनतम कीमत 1600 रूपए प्रतिकुन्तल और गन्ने का न्यूनतम दाम 325 रूपए कुन्तल घोिशत किया जाए। अभी तक प्रदेश में धान के क्रय केन्द्र नहीं खोले गए हैं, जिससे किसान मजबूरन गल्ला व्यापारियों के हाथों अपनी फसल औने-पौने दाम बेचने को मजबूर हो गया है।
प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमन्त्री के निर्णयों को प्रशासन में अब कोई अहमियत नहीं दी जाती है। उन्होने चीनी मिलों को तुरन्त पेराई ‘ाुरू करने को कहा परन्तु तमाम मिल मालिकों ने उस पर अमल नहीं किया है। मुख्यमन्त्री द्वारा घोिशत गन्ने की कीमत भी देने को वह राजी नहीं है। पिछला बकाया अदा करने में भी हीलाहवाली की जा रही है। मिल मालिकों ंको मुख्यमन्त्री या राज्य के ‘ाासन-प्रशासन की कोई परवाह नहीं है। चीनी मिल मालिकों की मुख्यमन्त्री के साथ लेन-देन का ही यह परिणाम है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि राज्यपाल प्रदेश की बिगड़ते हालात का खुद संज्ञान लें और भ्रश्ट बसपा सरकार से प्रदेश की जनता को मुक्ति दिलाएं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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