उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में मध्यान्ह भोजन के प्रभावी संचालन हेतु प्रत्येक विद्यालय में ‘‘मध्यान्ह भोजन निधि’’ के नाम से अब एक पृथक खाता खोले जाने का निर्णय लिया हैं पूर्व व्यवस्था में आ रही व्यावहारिक कठिनाई के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। बेसिक शिक्षा सचिव, श्री अनिल संत ने बताया कि इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि योजना के संबंध में भारत सरकार के प्रथम ज्वाइंट रिव्यू मिशन ने अपनी रिपोर्ट में प्रत्येक विद्यालय स्तर पर ‘‘मध्यान्ह भोजन निधि’’ का खाता खोले जाने तथा इसका संचालन ग्राम प्रधान एवं विद्यालय के प्रधानाध्यापक के संयुक्त हस्ताक्षर से किये जाने की संस्तुति की थी। इसी परिप्रेक्ष्य में यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस खाते में मध्यान्ह भोजन योजना के अन्तर्गत प्राप्त परिवर्तन लागत, रसोइये का मानदेय, किचेन उपकरण, किचेन शेड निर्माण आदि की धनराशि रखी जायेगी। उन्होंने बताया कि इसके पहले ग्राम पंचायत स्तर पर खोले गये ग्राम निधि एवं ग्राम शिक्षा समितियों के खाते में उपलब्ध मध्यान्ह भोजन योजना संबंधी समस्त धनराशि ‘‘मध्यान्ह भोजन निधि’’ में तत्काल स्थानान्तरित कर दी जायेगी। इस खाते में अन्य किसी योजना की धनराशि नहीं रखी जायेगी। श्री अनिल संत ने बताया कि खाते का संचालन ग्राम पंचायत के प्रधान तथा विद्यालय के प्रधानाध्यापक के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा। ये सभी खाते सी-बी-एस- ब्रान्च में खोले जायेंगे ताकि बैंक से लेन-देन का मिलान एवं आडिट आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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