भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि हत्या, हिंसा, लूट और अपहरणों की बढ़त के चलते राज्य में ´सरकार विहीनता´ की स्थिति है। घोर अराजकता के लिये बसपा सरकार ही गुनहगार है। प्रदेश प्रवक्ता सदस्य विधान परिषद हृदयनारायण दीक्षित ने आज सोमवार को सम्वाददाताओं से वार्ता करते हुए कहा कि आज मेरठ में दिनदहाड़े हुई पूर्व सांसद अभयपाल सिंह की हत्या इसी अराजकता की एक कड़ी है। राजधानी लखनऊ भी हत्या, हिंसा से रक्त रंजित है। वरिष्ठ नागरिक मारे जा रहे हैं। सी0एम0ओ0 की हत्या हाल ही में हुई थी। मन्त्री नन्दगोपाल गुप्ता नन्दी पर हुआ निन्दनीय हमला राज्य की धारावाहिक अराजकता का ही नमूना था। भाजपा नेता हुकुम सिंह की पत्नी की हत्या अभी भूली नहीं है।
श्री दीक्षित ने कहा कि कानून व्यवस्था दुरूस्त करने के वायदे की साथ ही बसपा सत्ता में आई थी। लेकिन बसपा की माफिया संरक्षण नीति के चलते कानून व्यवस्था बद से बदतर होती गई। सरकार के एक मन्त्री पर थाने में घुसकर हत्या करने के आरोप लगे। अपराध बढ़ते रहे तो सरकार ने राज्य पुलिस को मुकदमें न लिखने के निर्देश दिये। अब गम्भीर अपराधों के भी मुकदमें नहीं लिखे जाते बावजूद इसके आपराधिक आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन सरकार चुनावी तैयारियों में लगी हुई है। कल राजधानी लखनऊ में उपद्रवियों ने करोड़ों की सम्पत्ति में आग लगा दी, पुलिस से भी भिड़न्त हुई।
भाजपा प्रवक्ता ने सरकार से त्यागपत्र की मांग की और कहा कि कानून व्यवस्था का काम राज्य सरकार की प्राथमिक संवैधानिक जिम्मेदारी है। सरकार इस मोर्चे पर फेेल हो गई है। सरकार ने सत्ता में बने रहने का अपना संवैधानिक, नैतिक अधिकार खो दिया है। राज्य में सरकार नाम की किसी चीज का कोई औचित्य नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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