सहकारिता के माध्यम से जलवायु परिवर्तन की दिशा में सार्थक पहल के तहत सहकारिता भवन परिशर मे सहकारिता सप्ताह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि जलवायु परिवर्तन आज की गम्भीर एवं व्यापक समस्या बनकर सामने आयी है । इस समस्या के कारण ग्रामीण जीवन यापन, खाद्यान्न सुरक्षा एवं जीवधारियों के एग्रीकल्चर अर्गनाईजेशन के अनुसार जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा असर कृशि पर हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार अकेले भारत वशZ में 125 मिलियन टन बारानी क्षेत्रों का आनाज उत्पादन कम होगा, जो विश्व के आनाज उत्पादन का 18 प्रतिशत है। जलवायु परिवर्तन के कारण आगामी वशोZ में 4 से 9 प्रतिशत तक की कमी आयेगी, इसके अतिरिक्त भूकम्प, बाढ़, सूखा, तूफान, ज्वालामुखी फटना, सुनामी आदि प्राकृतिक आपदायें भी जलवायु परिवर्तन एवं असन्तुलित पर्यावरण का परिणाम है। जलवायु परिवर्तन क्यों एवं कैसे हो रहा है इसके कारणों का जानना भी बहुत आवश्यक है। प्राकृतिक संसाधानों का अनियमित, अनियन्त्रित एवं अविविवेक पूर्ण ढंग से दोहन। पर्यावरण के जैविक-अजैविक संघटकों का असुरक्षित होना। प्रदूशकों का अनियन्त्रित एवं अत्यधिक मात्रा में उत्सर्जन। पर्यावरणीय तत्वों की गुणवत्ता में निरन्तर कमी आना। सन्तुलित पर्यावरण संरक्षण एवं विकास के लिए आवश्यक िशक्षा का अभाव। स्वास्थ्य पर्यावरण संरक्षण के लिए मानवीय संवेदनहीनता। पर्यावरण सम्बन्धी विभिन्न पक्षों पर अध्ययन एवं अनुसंधान का अभाव। इन कारणों को जानने के पश्चात हमें निवारण के लिए पूरी ईमानदारी से सार्थक सामूहिक प्रयास करना होगा। अन्यथा भविश्य में ऐसी स्थिति पैदा होगी की समस्त प्राणि मात्र का असतित्व नश्ट हो जायेगा, जिसके लिए हम स्वयं ही जिम्मेदार होंगे। आप भलीभान्ति जानते है कि अकेले ग्रीन हाऊस गैसे (कार्बन डाईआक्साइड मिथेन, कार्बन मोनो आक्साइड, नाईट्स आक्साईड, सल्फर डाईआक्साईड आदि) जो ईधन के जलने, औद्योगिक इकाइयों, वाहनों, कृशि, ए.सी., िफ्रज के उपयोग एवं अन्य मानव जनित क्रियाअों से उत्पन्न होती है का स्तर खतरे को पार कर चुका है। जिसके कारण ग्लोबल वार्मिग (भूमण्डलीय तापमान में वृद्धि) जैसी समस्याएं उत्पन्न हुई है। वायुमण्डल की ऊपरी सतह पर ग्रीन हाऊस गैसों की परत बन जाने के कारण हानि कारक विकिरण पृथ्वी पर पुन: वापस होकर तापमान वृद्धि के साथ-साथ अनेक प्राकृतिक आपदाओं एवं समस्याअों को जन्म दे रहा है जिससे हमारी कृशि एवं जनजीवन पर अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
कार्यक्रम में सहकारिता मन्त्री बाबू सिंह कुशवाह इफ्को के क्षेत्रीय मण्डल प्रबंधक बलवीर सिंह, निदेशक रामकुमार त्रिपाठी, शीस पाल सिंह, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक योगेन्द्र कुमार ने भी विचार व्यक्त किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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