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समाज के सबसे कम पढ़े-लिखे और गरीब व्यक्ति को दक्ष कर स्वरोजगार योग्य बनाया जाय - डा0 यशवन्त सिंह

Posted on 12 November 2010 by admin

निर्मित शौचालयों की गुणवत्ता एवं मानकों का भौतिक सत्यापन हो - नवनीत सहगल

नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यम के कार्यकलापों की समीक्षा

उत्तर प्रदेश के नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यम राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा0 यशवन्त सिंह ने कहा है कि समाज के सबसे कम पढ़े-लिखे और गरीब व्यक्ति को दक्ष कर उसकी क्षमता इस तरह विकसित की जाय कि वह अपना स्वयं का रोजगार प्रारम्भ कर जीवनयापन अच्छेे ढ़ंग से कर सके। उन्होंने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दी जाने वाली टेनिंग के टेड का चयन महत्वपूर्ण है। टेड का चयन स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाय और उसे रोजगारपरक होना चाहिए।

डा0 यशवन्त सिंह आज यहॉ राज्य नगरीय विकास अभिकरण के सभागार में सूडा के कार्यकलापों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा समाज के गरीब और बेरोजगार व्यक्ति  को रोजगार दिलाने की है। यदि टेनिंग के लिए पात्रों का चयन करते समय ऐसे लोगों को ही चुना जायेगा जिनका कोई काम चल रहा है तो नये रोजगार का सृजन नहीं हो सकेगा।

नगरीय  रोजगार राज्य मंत्री ने कहा कि आज सभी मुख्य परियोजनाओं की समीक्षा की गयी और यह पाया गया कि कार्य तो हो रहा है परन्तु कार्य जिस तेजी से होना चाहिए, चाहे वह शौचालयों के निर्माण का हो अथवा मकानों का। कहीं न कहीं कार्य की गति में कमी है।    उन्होंने कहा कि आपसी ताल-मेल स्थापित कर सेक्टरवार रिपोर्ट तैयार/संकलित करने के लिए किसी अधिकारी को उत्तरदायी बनाया जाय और प्रत्येक स्तर पर कार्य में और तेजी लायी जाय।

विभागीय सचिव श्री नवनीत सहगल ने भी सूडा के सभी प्रमुख कार्यमों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने शुष्क शौचालयों को जल प्रवाहित शौचालयों में परिवर्तित करने सम्बन्धी योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि जिन जनपदों में अभी तक दो हजार से अधिक शुष्क शौचालयों को जल प्रवाहित शौचालय में परिवर्तित करने का कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका है,  वहां मुख्यालय से एक अधिकारी भेज कर स्थानीय समस्याओं का अध्ययन कराया जाय। मुख्यालय से जाने वाला अधिकारी वहां रूके और जिलाधिकारी से मिले, कार्य करने वाली संस्था के प्रतिनिधि से भी बात करे और स्थानीय समस्याओं का त्वरित निराकरण कराकर कार्य प्रत्येक दशा में आगामी 30 नवम्बर तक अवश्य प्रारम्भ करा दिया जाय। उन्होंने कहा कि जो शौचालय बने हैं उनकी गुणवत्ता एवं मानकों का भौतिक सत्यापन कराया जाय और सतही निरीक्षण कर के ही इतिश्री न कर ली जाय। गुणवत्ता की जांच कराते रहने के लिए जिलाधिकारियों को पत्र भेजने के निर्देश भी उन्होंने दिये।

श्री सहगल ने प्रशिक्षण टेनिंग कार्यम और ऋण वितरण की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि टेनिंग शुरू होते ही लोन के लिए फार्म भरा दिया जाय। उन्होंने नियमानुसार देय अनुदान के भी त्वरित वितरण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि दूसरी किश्त के लिए जिन कार्यों के सम्बन्ध में भारत सरकार को उपयोगिता प्रमाण-पत्र भेजे जाने हैं उन्हें भी तत्काल भेजा जाय और 15 नवम्बर तक सभी प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दिये जाय।

इसके पूर्व सूडा के निदेशक श्री चिन्तामणि ने नगरीय रोजगार  राज्य मंत्री और विभागीय सचिव को सभी महत्वपूर्ण कार्यमों की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सभी परियोजना अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि वे शुष्क शौचालयों को जल प्रवाहित शौचालयों में परिवर्तित करने के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे प्रत्येक दशा में आगामी 15 दिसम्बर तक पूरा कर लें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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