सूखा और बेरोजगारी से जूझ रहे बुंदेलखंड में रोजगार के नये अवसर सृजित करने व उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से झाँसी भेल प्रबंधन ने अभिनव पहल करते हुए देश के सात प्रांतों के ७५ लघु उद्यमियों को बीएचईएल के आसपास या बुंदेलखंड में लघु उद्योग स्थापित करने का न्योता दिया है। आपूर्तिकर्ता विकास सम्मेलन में भेल प्रबंधन ने उद्यमियों को हर संभव मदद करने के साथ -साथ जमीन, बिजली व पानी की सुविधा सुगमता से उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया।
उत्तर प्रदेश के अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल व पंजाब के ७५ लघु उद्यमियों के अलावा यूपीपीसीएल एवं यूपीएसआईडी के वरिष्ठ प्रतिनिधियों को भेल प्रबंधन ने बताया कि अब माल दिए जाने के बाद विलंब से भुगतान की समस्या भी दूर कर दी जाएगी। उद्यमियों को एमएलएमई की श्रेणी में रखते हुए यह व्यवस्था की गई है कि हर हाल में पैंतालीस दिन के अंदर भुगतान कर दिया जाए। इस दौरान भेल उत्पादन के दौरान काम आने वाले कलपुर्जों का भी प्रदर्शन किया गया। साथ ही लोकोमोटिव रेल इंजन में काम आने पाले पार्ट्स के अलावा पावर ट्रांसफार्मर, इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर व ड्राई ट्रांसफार्मर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ भेल के कार्यपालक निदेशक प्रभात कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन भाषण में टी ईसीएम महाप्रबंधक एम.पी.सिंह ने कहा कि इस कार्य को आगे बढ़ाने में केंद्रीय मंत्री अरुण यादव व प्रदीप जैन आदित्य का विशेष सहयोग मिल रहा है। यूपीसीएल के लोकेश कुमार एवं यूपीएसआईडीसी के प्रदीप सत्यार्थी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। अपर महाप्रबंधक (एलएमई) भेल पी एस चौपड़ा ने आभार व्यक्त किया। उप महाप्रबंधक अनुराग गुप्ता ने बताया कि इस पहल से न केवल भेल को लोकोमोटिव व पावर ट्रांसफार्मर की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि बुंदेलखंड में रोजगार के विकल्प भी खुलेंगे।
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Vikas Sharma
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