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आईडिया सेल्यूलर के साथ भारतीय रेल यात्रियों को भाशा की बाधा दूर करने में मदद करेगी

Posted on 07 November 2010 by admin

अपनी किस्म की इस पहली योजना के तहत आईडिया लैंग्वेज हैल्पलाइन को रेलवे पूछताछ नंबर 139 के जरिए सभी क्षेत्रों में प्रोमोट किया जाएगा। रेल यात्रियों को उनकी स्थानीय भाशा में सूचना देने के लिए आईडिया लैंग्वेज हैल्पलाइन सहायक होगी। अपने गन्तव्य पर पहुंचने के बाद यात्री इस सहायत का लाभ उठा सकेंगे।

भाशा का बंधन तोड़ने वाला सन्देश दे रहे प्रचार अभियान के साथ आईडिया सेल्यूलर करोड़ों भारतीयों को एक ऐसा सरल समाधान दे रही है जिसकी मदद से वे भिन्न भिन्न भाशाएं बोलने वाले लोगों से खुद बातचीत कर सकेंगे। भारतीय रेलवे के साथ मिल कर कंपनी आईडिया लैंग्वेज हैल्पलाइन उपलब्ध करा रही है जो देश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा करने वाले रेल यात्रियों को सेवा देगी।

इस योजना के तहत आईडिया लैंग्वेज हैल्पलाइन को एक हफ्ते के लिए भारतीय रेल के पूरे नैटवर्क में प्रोमोट किया जाएगा। आईडिया लैंग्वेज हैल्पलाइन का जिंगल 139 पर बजेगा और इस नंबर पर कॉल करने वाले लाखों लोगों के साथ ब्राण्ड आईडिया को जोड़ेगा।

29 अक्टूबर से आरम्भ होकर सात दिनों तक रेलवे पूछताछ नंबर 139 के आईवीआर पर आईडिया लैंग्वेज हैल्पलाइन का जिंगल बजाया जाएगा। कॉलर को 10 सैकिण्ड तक जिंगल सुनाया जाएगा, फिर वह आईवीआर से कनैक्ट होगा, उसके बाद ह्यूमन इंटरफेस से कनैक्ट होने से पहले दोबारा 15 मिनट तक जिंगल सुनाया जाएगा। दक्षिणी क्षेत्रों में जिंगल अंग्रेजी में होगा और शेश भारत में हिन्दी में।

इस पहल के जरिए आईडिया सेल्यूलर उन मुसाफिरों से जुड़ना चाहती है जो दुनिया के सबसे बड़े रेल नैटवर्क के जरिए उत्सवों के इस मौसम में सफर पर निकलेंगे। कंपनी अपनी इस अनूठी हैल्पलाइन के माध्यम से नए शहर व क्षेत्रों में पहुंचने पर उन्हें सम्प्रेशण में मदद करेगी।

त्यौहारों के मौकों पर भारतीय रेल का यातायात बढ़ जाता है क्योंकि दूरदराज के इलाकों से लोग त्यौहार मनाने अपने परिवार के पास लौटते हैं। इसका मतलब, इस पहल के जरिए इन सात दिनों की अवधि में पूरे देश के करीब 1 करोड़ लोग आईडिया का यह जिंगल सुनेंगे।

अपनी किस्म की इस पहली योजना में मुसाफिरों को आईडिया लैंग्वेज हैल्पलाइन के बारे में सूचित किया जाएगा। यह ऐसी सेवा है जो वे अपनी मंजिल पर पहुंचने पर इस्तेमाल कर सकेंगे ताकि वहां के लोगों से उनकी स्थानीय भाशा में बात कर सकें।

आईडिया का नया विज्ञापन उन लाखों भारतीयों को एक सरल समाधान देता है जो कंरियर, पढ़ाई, यात्रा या जिन्दगी में अन्य संभावनाओं की तलाश में अपना घर छोड़ कर दूसरे शहरों में जाते हैं या फिर अपने क्षेत्र में विभिन्न भाशाएं बोलने वाले लोगों के साथ बात करने की जरूरत पड़ती है। इस तरह वे बदले माहौल व दूसरी भाशाएं बोलने वाले लोगों के साथ बेहतर तरीके से संपर्क स्थापित कर सकते हैं।

भारतीय रेल के साथ इस गठबंधन के बारे में आईडिया सेल्यूलर की वरिश्ठ उपाध्यक्ष-मार्केटिंग अनुपमा आहलुवालिया ने कहा, ´´भारतीय रेल दुनिया के सबसे विस्तृत व अग्रणी रेल नैटवर्कों में से एक है जो दुनिया में सबसे अधिक यात्रियों को उनकी मंजिलों तक पहुंचाती है। भारतीय रेल की मदद से हम देश भर में अधिकतम मुसाफिरों तक संपर्क बना सकेंगे और करोड़ों यात्रियों तक उपयोगी सेवा पहुंचा सकेंगे। हमें पूरा भरोसा है कि इस गठबंधन के द्वारा हम लोगों पुख्ता संपर्क स्थापित कर सकेंगे और इन सात दिनों के दौरान करीब 1 करोड़ यात्रियों को भाशा की अड़चन से निकलने में मदद कर पाएंगे तथा इस तरह हमारे 74 मीलियन उपभोक्ता आधार में वृद्धि होगी।´´

लोगों तक पहुंचने के लिए आईडिया ने सभी पारंपरिक व उभरते मीडिया मंचों को शामिल करते हुए एक सम्पूर्ण प्रचार अभियान चलाया है।

आईडिया ने भारत की पहली ´लैंग्वेज हैल्पलाइन´ लांच की है जो कॉल करने वालों को 16 भाशाओं में बातचीत हेतु मदद देगी। आईडिया की लैंग्वेज हैल्पलाइन 22 टेलीकॉम सिर्कलों व 16 भारतीय भाशाओं में सेवा प्रदान करेगी। इन भाशाओं में शामिल हैं- असमी, बांग्ला, भोजपुरी, अग्रेजी, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मराठी, तमिल, तेलुगु, उड़िया, पंजाबी, राजस्थानी व उर्दू।

हवाई यात्रियों हेतु आईडिया लैंग्वेज हैल्पलाइन को प्रोमोट करने के लिए आईडिया ने जैट एयरवेज़ से गठबंधन किया है। जिसके तहत जैट एयरवेज़ व जैट कनैक्ट की उड़ानों में उद्घोशणाओं में आईडिया लैंग्वेज हैल्पलाइन के बारे में बताया जाएगा कि वे अपने गन्तव्य पर पहुंच कर स्थानीय भाशा अनुवाद के लिए इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।

इसके अलावा फ्लाइट में सीट जैकेट्स में लैंग्वेज हैल्पलाइन ब्रॉशर भी रखे जाएंगे। इस महीने चलने वाली इस गतिविधि में कंपनी 18 से 20 लाख यात्रियों से जुड़ पाएगी। इन ब्रॉशरों में 16 भाशाओं में कुछ सामान्य शब्दों व वाक्यों का अनुवाद दिया गया है। यह ब्रॉशर हर उस यात्री के लिए मददगार साबित हो सकता है जो भारत में किसी ऐसी जगह जा रहा है जहां उसकी भाशा से अलग कोई भाशा बोली जाती है।

आईडिया ने हमेशा मोबाइल टेलीफोनी की शक्ति के माध्यम से समाज की समस्याओं के सरल समाधान सुझाए हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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