सरकार किसानों से संंबंधित सभी प्रकरणों का फैसला उनकी सहमति से ही लेने की पक्षधर- सुश्री मायावती
जिलाधिकारी गन्ना विकास समितियों तथा चीनी मिल के प्रतिनिधियों के मध्य पारस्परिक सहमति के आधार पर एस0ए0पी0 के अतिरिक्त जो भीसम्भव हों, प्रोत्साहन एवं सुविधायें, दिलाया जाना सुनिचित करें- मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के 40 लाख गन्ना किसानों के हित में महत्वपूर्ण फैसला किया गया। बैठक में वर्तमान पेराई सत्र के लिए गन्ना य मूल्य में 40 रूपये प्रति कुन्टल की वृद्धि की गयी, जो गन्ना मूल्य निर्धारण के अब तक के इतिहास में सबसे अधिक है।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार गन्ना की अगैती प्रजातियों के लिए 210 रूपये, सामान्य प्रजातियों के लिए 205 रूपये तथा अनुपयुक्त घोषित प्रजातियों के लिए 200 रूपये प्रति कुन्टल मूल्य पेराई सत्र 2010-11 के लिए निर्धारित किये गये।
इस अवसर पर माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी सरकार का स्पष्ट मत है कि यदि इस संबंध में कोई विवाद उत्पन्न भी हो तो उस पर भी किसानों की सहमति से ही फैसला किया जाये। उन्होंने बताया कि गन्ना उत्पादक जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्दो दिये गये हैं कि वे अपने-अपने जनपद की गन्ना विकास समितियों तथा चीनी मिल के प्रतिनिधियों के मध्य पारस्परिक सहमति के आधार पर राज्य परामार्त मूल्य के अतिरिक्त जो भी प्रोत्साहन एवं सुविधायें दी जा सकती हों, उन्हें दिलाना सुनिचित करें।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राज्य परामर्शित मूल्य समय से निर्धारित कर घोषित करने का निर्णय लिया जिससे कि प्रदेश के किसान अनावश्यक आर्थिक मदद के लिए साहूकारों के चक्कर में न फंसे। उन्होंने कहा कि गन्ना मिलों में पेराई समय से शुरू किया जाये, ताकि किसानों को गेहूं बुआई के लिए समय से खेत खाली मिल सके। इससे प्रदेश की रबी पैदावार में काफी वृद्धि होगी और किसानों को अतिरिक्त आमदनी भी होगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा घोषित गन्ना मूल्य एफ0आर0पी0 नाकाफी है, इससे गन्ना किसानों में असंतोष होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की किसानों के प्रति नकारात्मक रवैये को देखते हुए उनकी सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में पर्याप्त राज्य परामर्शित मूल्य निर्धारित करने का निर्णय लिया।
गौरतलब है कि माननीया मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा पेराई सत्र 2010-11 के लिए राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य एस0ए0पी0 निर्धारित करने हेतु गन्ना किसानों व चीनी उद्योग के प्रतिनिधियों, कृषि अर्थशास्त्रियों एवं गन्ना व चीनी से सम्बन्धित राज्य व केन्द्र की संस्थाओं से गहन विचार-विमर्श किया गया था। मुख्य सचिव की समिति द्वारा सम्यक विचारोपरान्त विभिन्न प्रजातियों के सही मायने में लाभकारी मूल्य गन्ना किसानों के लिए प्रस्तावित करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी से आवश्यक निर्णय लेने का अनुरोध किया गया था।
यह भी गौरतलब है कि भारत सरकार ने वर्तमान पेराई सत्र 2010-11 हेतु 9-5 प्रतिशत चीनी परता के आधार पर गन्ने का मूल्य एफ0आर0पी0 139-12 रूपये प्रति कुन्टल घोषित किया है। उन्होंने कहा कि विगत सत्र में उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों का औसत परता 9-1 प्रतिशत रहा। इस आधार पर वर्तमान सत्र के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित एफ0आर0पी0 133-26 रूपये प्रति कुन्टल आंकलित होती है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गन्ना मूल्य घोषित करने से पूर्व राज्य सरकार ने गन्ना उत्पादन लागत के साथ-साथ गन्ने की वैकल्पिक फसलों का समर्थन मूल्य, चीनी उत्पादन लागत तथा चीनी एवं उसके सह-उत्पादों के विय मूल्य आदि को भी ध्यान में रखा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गन्ना किसानों के प्रति सदैव संवेदनशील रही हैं और उनकी समस्याओं से वे पूरी तरह वाकिफ हैं। उनकी सरकार का प्रयास रहा है कि गन्ना किसानों को उनकी उपज का सही मायने में लाभकारी मूल्य मिले।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए उनकी सरकार की संवेदनशीलता का ही नतीजा था कि पेराई सत्र 2009-10 के लिए प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा खरीदें जाने वाले विभिन्न प्रजातियों के गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य में प्रति कुन्टल 25 रूपये की अभूतपूर्व वृद्धि की गयी थी। उन्होंने कहा कि किसी एक पेराई सत्र में 25 रूपये प्रति कुन्टल की बढ़ोत्तरी इससे पहले कभी नहीं की गयी थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गन्ना किसानों के असन्तोष को देखते हुए एवं उनके हितों की रक्षा के लिए ही विगत पेराई सत्र में विदेशों से आयातित कच्ची चीनी को रेलवे रैक द्वारा परिवहन एवं उसके संवर्द्धन पर रोक लगा दी थी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र द्वारा तय की गयी एफ0आर0पी0 की व्यवस्था पर पुनर्विचार करने तथा किसानों के हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह उनके स्तर से कई बार किया गया था, जिसके फलस्वरूप केन्द्र सरकार द्वारा एफ0आर0पी0 की व्यवस्था में सााेंधन किया गया था। उन्होंने कहा कि उस समय की स्थिति तथा गन्ना किसानों की व्यापक मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रभावी पहल करके चीनी मिलों द्वारा आपसी सहमति के आधार पर गन्ना किसानों को प्रोत्साहन स्वरूप एस0ए0पी0 से अधिक धनराशि का भुगतान कराया गया था।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी सरकार की स्पष्ट सोच है कि प्रदेश के किसानों की समृद्धि एवं विकास में गन्ने की फसल की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता। प्रदेश का चीनी उद्योग ही एकमात्र ऐसा बहुआयामी उद्योग है, जो प्रदेशवासियों के जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इसीलिए गन्ना किसानों के हित में अत्यन्त निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्णय लेने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था, जिसने गन्ने की फसल से संबंधित सभी पक्षों को सुनकर तथा गन्ना मूल्य निर्धारण से संबंधित सुसंगत पहलुओं पर विचार कर संस्तुति सरकार को दी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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