मुख्यमंत्री ने आज कानून व्यवस्था, विशेष रूप से सम्पन्न पंचायत चुनाव की गहन समीक्षा की
उत्तर प्रदो की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने अपराधियों एवं अराजकतत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने हाल में ही घटित घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस को इन घटनाओं का शीघ्र खुलासा करने और इसके लिए जिम्मेदार अपराधियों को कानून के मुताबिक सख्त सजा दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश का माहौल खराब करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने का निर्देश देेते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने हाल ही में सम्पन्न पंचायत चुनाव में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सन् 2005 में सम्पन्न पंचायत चुनाव की अपेक्षा यह पंचायत चुनाव कानून व्यवस्था की दृष्टि से बेहतर रहा।
मुख्यमंत्री आज अपने सरकारी आवास पर कानून व्यवस्था, विशेष रूप से सम्पन्न पंचायत चुनाव की गहन समीक्षा कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। इतने विशाल जनसंख्या वाले राज्य में केन्द्र सरकार की मदद के बिना पंचायत चुनाव सम्पन्न कराना बहुत बड़ी उपलब्धी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में सम्पन्न पंचायत चुनाव के सापेक्ष इस पंचायत चुनाव में मतदाताओं की संख्या 15 प्रतिशत अधिक थी। विगत पंचायत चुनाव की अपेक्षा इस पंचायत चुनाव में मतदेय स्थलों की संख्या भी लगभग 25 हजार अधिक थी। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव 2005 में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के चुनाव अलग-अलग कराये गये थे, जबकि इस बार यह सभी चुनाव एक साथ कराये गये। फलस्वरूप प्रत्याशियों की संख्या में पिछले चुनाव की अपेक्षा अभूतपूर्व वृद्धि हुई। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके बावजूद विगत पंचायत चुनाव 2005 की अपेक्षा पंचायत चुनाव 2010 अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव 2005 में केन्द्र सरकार द्वारा 30 कम्पनी अर्द्धसैनिक बल राज्य को उपलब्ध कराये गये थे, जबकि इस बार 50 कम्पनी अर्द्धसैनिक बल उपलब्ध कराने के अनुरोध के बावजूद केन्द्र द्वारा एक भी कम्पनी अर्द्धसैनिक बल उपलब्ध नहीं कराये गये। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद प्रदेश की पुलिस ने कानून व्यवस्था को बनाये रखने में काफी हद तक सफलता पायी। उन्होंने कहा कि इन पंचायत चुनावों में घटित प्रत्येक घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए राज्य में कुल 238 अभियोग पंजीकृत किए गए एवं तत्परतापूर्वक कार्यवाही करते हुए 469 अभियुक्तों को गिरतार किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले पंचायत चुनाव में प्रदेश के 52 जनपद चुनावी हिंसा से प्रभावित थे, जबकि इस चुनाव में पुलिस की सख्ती के कारण मात्र 44 जनपदों में छुट-पुट चुनावी हिंसा हुई। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में मतदान वाले दिनों में चुनावी हिंसा के कारण 10 व्यक्ति मारे गये थे, जबकि इस बार प्रदेश की पुलिस ने पहले से सतर्कता बरती, जिसके कारण मतदान वाले दिनों में मात्र 09 व्यक्तियों की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या हुई। इसी प्रकार पिछले चुनाव में चुनावी हिंसा में 171 लोग घायल हुए थे, जबकि इस बार 59 व्यक्ति घायल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में प्रदेश में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण आपराधिक घटनायें हुई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस, अयोध्या प्रकरण, प्रदेश में आयी भीषण बाढ़ तथा पंचायत चुनाव में व्यस्त थी, जिसका फायदा अपराधियों ने उठाया। उन्होंने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि इन घटनाओं की व्यापक छानबीन की जाए और उनका तत्काल खुलासा किया जाए। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार अपराधियों को कठोर से कठोर सजा दिलायी जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून द्वारा कानून का राज कायम करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि माफियाओं, डकैतों तथा असामाजिक तत्वों के विरूद्ध लगातार अभियान चलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब पंचायत चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। परिणाम भी घोषित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को चुनाव के बाद होने वाली आपराधिक घटनाओं और व्यक्तिगत रंजिश के मामलों की गम्भीरता से लेते हुए और अधिक चौकसी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सावधानी के तौर पर ऐसे सम्भावित लोगों को पाबंद किया जाए और आपसी झगड़ों को टालने के गम्भीर प्रयास किये जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त एवं भ्रष्टाचारमुक्त तथा विकासयुक्त वातावरण तैयार करने तथा अधिकारियों को राजनैतिक या किसी भी तरह के बाहरी दबाव से मुक्त रहकर कानून के दायरे में काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रमुख सचिव, गृह, पुलिस महानिदेशक तथा अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था को 01 नवम्बर, 2010 को प्रदेश के सभी मण्डलों/जनपदों के पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियों कोंन्सिंग के माध्यम से कानून व्यवस्था की गहन समीक्षा करने और आगे आने वाले त्यौहारों एवं पंचायत चुनाव के बाद होने वाले अपराधों को सख्ती से रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरतने के कारण ही अधिनस्थ अधिकारी लापरवाह हो जाते हैं। इससे अपराधियों, विशेष रूप से संगठित गिरोह वाले अपराधियों को कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने का मौका मिलता है। उन्होंने आगाह किया कि वरिष्ठ अधिकारी इस बात का सदैव ध्यान रखें कि उनकी सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर ही सत्ता में आयी है। इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
इस बैठक में प्रमुख सचिव, गृह कुंवर फतेह बहादुर, पुलिस महानिदेशक करमवीर सिंह तथा अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था बृज लाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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