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अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक ओलिम्पयाड `सेलेस्टा-2010´ सी.एम.एस. में 17 नवम्बर से

Posted on 30 October 2010 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज कैम्पस द्वारा पांच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक ओलिम्पयाड `सेलेस्टा-2010´ का आयोजन आगामी 17 से 21 नवम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है। इस अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पयाड में प्रतिभाग हेतु श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, मॉरीशस, पाकिस्तान एवं भारत के विभिन्न प्रान्तों से लगभग 500 से अधिक छात्र लखनऊ पधार रहे हैं। यह जानकारी आज यहां आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में `सेलेस्टा-2010´ की संयोजिका व सी.एम.एस. अलीगंज की वरिष्ठ प्रधानाचार्या श्रीमती गौरी खन्ना ने दी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्रीमती खन्ना ने कहा कि इस सांस्कृतिक ओलिम्पयाड का उद्देश्य संगीत व कला के माध्यम से भावी एवं युवा पीढ़ी की बहुमुखी प्रतिभा के विकास के साथ ही उनके मानवीय एवं आध्याित्मक दृष्टिकोण को विकसित करना है ताकि उच्च चारित्रिक गुणों से सुसज्जित भावी पीढी मानवता के उज्जवल पक्षों का संधान कर सके।

celesta-press-conf-1प्रेस कान्फ्रेन्स में बोलते हुए `सेलेस्टा-2010´ की संयोजिका श्रीमती खन्ना ने कहा कि `सेलेस्टा´ जीवन के सौन्दर्य का उत्सव है और इस अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पयाड में देश-विदेश के छात्र धरती और संस्कृति की विभिन्नताओं में एकता का प्रदर्शन करते हैं। श्रीमती खन्ना ने कहा कि सेलेस्टा बाल एवं युवा प्रतिभाओं को स्वस्थ गायन, नृत्य  व कला का एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करता है तथापि यह ओलिम्पयाड भावी संगीतज्ञों व कलाकारों को विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से अपनी प्रतिभाओं को विकसित करने का एक सुअवसर भी प्रदान करेगा।

सेलेस्टा-2010 की प्रतियोगिताओं की जानकारी देते हुए श्रीमती खन्ना ने बताया कि इस ओलिम्पयाड में विश्व के 6 देशों से पधारे रहे छात्र कोरल सिंगिंग, ड्रामैटिक्स, आर्ट एण्ड पेिन्टंग, ट्रेडीशनल डांस, कोलाज, कोरियोग्राफी एवं आर्केस्ट्रा आदि प्रतियोगिताओं में अपने हुनर का प्रदर्शन तो करेंगें ही, साथ ही साथ अपने-अपने देशों की समृद्धि सांस्कृतिक विरासत एवं कला का अभूतपूर्व नजारा पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि सुमधुर एवं आध्याित्मक संगीत मन को सुन्दर, शान्त एवं सरस बनाता है। तथापि आत्मा की शक्तियों को बढ़ाता है। यह बालकों की ज्ञान वृद्धि में भी सहायक होता है एवं तथापि जीवन के कठिन क्षणों में मनुष्य को शक्ति प्रदान करता है। इसी कारण संगीत व कला को आत्मा के भोजन की संज्ञा दी गई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह ओलिम्पयाड देश-विदेश के छात्रों में भक्ति, सरसता, करुणा एवं शान्ति की भावना संचारित करने का सशक्त माध्यम साबित होगा और यही भावनाए विश्व एकता व विश्व शान्ति की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।

सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने इस अवसर पर कहा कि आज विश्व में तरह-तरह के हथियार बनाने की होड़ ने पूरे संसार की सुख और शान्ति छीन ली है। ऐसे विषम समय में बच्चों में संगीत के माध्यम से ईश्वरीय प्रेम, विश्व एकता और विश्व शान्ति के बीज बोने की परम आवश्यकता है। सी.एम.एस. अलीगंज कैम्पस का यह अनूठा प्रयास है जब एक ही मंच पर विभिन्न देशों की संस्कृतियों की झलक देखने को मिलगी और अनेकता में एकता का अनूठा दृश्य उपस्थित होगा। यही वह भावना है जो सारी दुनिया को एक सूत्र में जोड़ने में सहायक होगी। श्री गांधी ने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक ओलिम्पयाड के माध्यम से सी.एम.एस. अलीगंज कैम्पस बच्चों को एकता, सहिष्णुता, प्रेम और शान्ति की शिक्षा देने का प्रयास कर रहा है। यह लखनऊ के लिए ही नहीं अपितु पूरे देश के लिए गर्व की बात है, इसके लिए मैं सी.एम.एस. अलीगंज की प्रधानाचार्या व इस सम्मेलन की संयाजिका श्रीमती गौरी खन्ना को हादिZक बधाई देता हूं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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