लेखपाल रामकुमार की हत्या मेंं प्रयोग की गयी सफारी नगर में पेाे से चिकित्सक एवं व्यवसायी डा0 के0 सी0 त्रिपाठी की है यह निचित हो गया।फैजाबाद जिले के वरिठ पुलिस अधीक्षक आर0 के0 राठौर का कहना है कि गुरूवार की ााम को मुखविर की सूचना पर घेरावन्दी कर को चौरे बजार क्षेत्र मे पकड लिया गया सफारी सवार सन्दीप उर्फ हैण्डिल सिंह निवासी मांयग व रमो जासवाल उर्फ घण्टी को गिरफतार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान पता चला कि सुल्तानपुर जिले के गोलाघाट गोमतीनगर आस्था हास्पिटल के संचालक डा0 केसी त्रिपाठी की है। सूत्र बताते है कि अभियुक्तो की गाडी मरम्मत के लिये चिकित्सक के फैजाबाद स्थित अनन्या मोटर ााेरूम मे दे दी थी, मरम्मत मे एक सप्ताह लगने की बात कही गयी। जिसपर घण्टी सिंह ने उस सफारी गाडी के बदले डा0 की लाल रगं की सफारी लेकर ने नेमप्लेट हटा दिया। जनमानस मे यह बात गले नही उतर रही है कि 14 अक्टूबर से श्री त्रिपाठी की गाडी जब अभियुक्तो ने लेली थी तो उसकी सूचना पुलिस को क्यो नही दी? प्राप्त समाचारो के अनुसार डा0केसी त्रिपाठी अपना उपर लगे आरोप को नकारते हुए कहते है कि हमने गाडी नही दी बल्कि ााेरूम के प्रवन्ध ने दिया है। प्रन यह उठता है कि क्या डा0केसी त्रिपाठी भयवस 10 दिन तक चुप रहे, या इस ाडयन्त्र मे ाामिल रहे। यह जनता में एक चर्चा का वािय बना हुआ है। अभी तक पुलिस ने डा0 केसी त्रिपाठी से पूछताछ के लिये सम्पर्क नही किया है, परन्तु पुलिस अपने श्रोतो के माध्यम से यह पता लगाने में जुटी है कि डा0केसी त्रिपाठी का हाथ उक्त प्रकरण मे कहॉ तक है? पूरे पुख्ता के साथ पुलिस उन पर धावा बोलने का मन बना चुकी है। डीजीपी बृजलाल का यह कहना है कि लेखपाल हत्या काण्ड में पकडे गये अभियुक्तो ने बसपा विधायक चन्द्र भद्र सिंह, सोनू व या भद्र सिहमोनू का नाम नही लिया है। किस आधार पर उनकी गिरफ्तारी की जाय। ग्राम मझंवारा में प्रधान पद पर विजयी हुई मृतक की पत्नी कमला देबी ने अपने पति की हत्या में बसपा विधायक चन्द्र भद्र सिंह व धनपतगंज ब्लाक प्रमुख या भद्र सिंह के नाम एफआईआर लिखवाई है। मृतक की विधवा प्रधान कमला देबी के यहां ााेक सम्बेदना में आये सपा नेताओ को फैजाबाद सुल्तानपुर के एसओजी की भी सन्दिग्धता की जानकारी दी गयी, स्थानीय नेताओ व गांव वालो ने बताया कि दोनो जिलो के एसओजी प्रभारी बहुत समय से यहा तैनात रहे है जिनका अभियुक्तो से खासा सम्बन्ध है। अब तक हत्या मे प्रयुक्त लाल सफारी की बरामदगी मे इनकी भूमिका सन्दिग्ध है। गावं वालो ने सपा नेताओ से कहा कि इन अधिकारियो के रहते हुए निपक्ष विवेचना की उम्मीद नही है। सपा प्रतिनिध मण्डल ने आवासन दिया कि दोनो प्रभारियो के काल डिटेल निकलवाकर पुंलिस के उच्चाधिकारियो से मिलकर निपक्ष जांच की माग करेगें। जिले मेें यह आम चर्चा हो रही है कि सफारी के मालिक का पता पुलिस को चल गया है तो उनकी गिरफ्तारी क्यो नही की गयी। लोग बताते है कि डा0केसी त्रिपाठी उची पहुंच वाले है जिसके कारण पुलिस उनपर हाथ डालने मे कतरा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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