मंगलवार को कानूनगो की लाश मिलने के बाद प्रशासन ने जिस तेजी के साथ लाश का पोस्टमार्टम कराया शायद उतनी ही देरी से उनका दाह संस्कार हो सका। सबब यह था कि कानूनगो प्रकरण को राजनैतिक हवा मिल गई थी। मृतक का घर राजनीति के मैदान का अखाड़ा बन चुका था।
बुधवार को जिला प्रशासन उस समय सकते में आ गया जब परिजनों ने रामकुमार यादव के शव का दाह संस्कार करने से इंकार कर दिया। परिजन मांग कर रहे थे कि बसपा विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू समेत सभी अभियुक्त पकड़े जाये। वरना लाश यूं ही रखी रह जायेगी। यह सब कारनामा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के पहुंचने के बाद अन्जाम दिया जाने लगा। इस समय प्रशासन की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। मौके पर जिलाधिकारी पिंकी जोवल, पुलिस अधीक्षक ए0के0राघव समेत जिला के आलाधिकारी मान मनौवल में जुट गये। अन्तत: पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपये की आर्थिक मदद एक व्यक्ति को नौकरी के साथ तीन दिन के भतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के आश्वासन पर दाह संस्कार के लिये मान गये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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