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सय्यद अली शाह गिलानी, अरुंधती रॉय तथा एस ए आर गिलानी पर एफ आई आर

Posted on 26 October 2010 by admin

सय्यद अली शाह गिलानी, अरुंधती रॉय तथा एस ए आर गिलानी से जुड़ा एक अत्यन गंभीर प्रकरण पिछले दिनों सामने आया है जब 21 अक्टूबर 2010 को एल टी गी औडीटोरियम, कोपर्निकस मिग, मंदों हाउस,नयी दिल्ली में “कश्मीर- आज़ादी, एक मात्र विपल्प” नाम से एक सभा का आयोजन हुआ था. मीडिया में आये रिपोर्ट के अनुसार सय्यद अली शाह गिलानी, अरुंधती रॉय तथा एस ए आर गिलानी सहत कई लोगों के शिरकत की और अपने भाषणों के दौरान खुलेआम देशद्रोह की बातें कहीं. ये सारी बातें भारतीय दंड संहिता की धारा 121 ए तथा 124 ए के अंतर्गत स्पष्टतया दंडनीय अपराध हैं. रिपोर्ट के अनुसार सय्यद अली शाह गिलानी ने इस मीटिंग में “कश्मीर की भारत से पूर्ण आज़ादी” की बात कही जबकि अरुंधती ने कहा- “कश्मीर को भूखे-नंगे हिंदुस्तान से आजादी मिलनी चाहिए. भारत कश्मीर से आजादी चाहता है और कश्मीर भारत से.” एस ए आर गिलानी ने कहा-“कश्मीर की आज़ादी का मतलब मात्र कश्मीर घटी से नहीं बल्कि इसमें जम्मू और लदाख भी शामिल होना चाहिए.”

धारा 124 ए, आई पी सी के अनुसार देशद्रोह परिभाषित है जबकि धारा 121 ए देश के विरुद्ध अपराध करने को प्रोत्साहित करने का काम सम्मिलित है.

हमारे संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(ए) के अनुसार हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है पर अनुच्छेद 19(2) (ए) में साफ़ अंकीत है कि अनुच्छेद 19 (1) (ए) कि किसी बात के होते हुए भी भारत की एकता और अखंडता, देश की सुरक्षा, वैदेशिक रिश्तों, लोक व्यवस्था, न्यायोक व्यवस्था आदि के मद्देनज़र इस अधिकार को नियंत्रित तथा सीमित किया जा सकता है. अतः सय्यद अली शाह गिलानी, अरुंधती रॉय तथा एस ए आर गिलानी हों या कोई अन्य, बहले वे एक मनुष्य के रूप में कुछ भी सोचते हों पर यदि वे सार्वजनिक स्तर इन बातों को उद्घाटित करते हैं तो उन्हें देश के क़ानून का पालन करना ही चाहिए.

कानून, जब तक वह इस रूप में है, वही सर्वोच्च है और सबों के लिए लागू होता है. खास कर के यदि मामला देश की एकता और अखंडता से जुड़ा हुआ हो और जान बुझ कर तथाकथिक बुद्धिजीवी लोगों द्वारा यह अपराध कारित किये गए हों. कोई व्यक्ति, मात्र अपनी इच्छा से देश के क़ानून का उल्लंघन नहीं कर सकता है. इन मामलों में कोई कार्यवाही नहीं होने से इस प्रकार का कार्य करने वालों का निश्चित रूप से मनोबल भयानक रूप से बढ़ेगा और इन्ही समस्त तथ्यों के दृष्टिगत मेरे द्वारा पुलिस कमिश्नर दिल्ली पुलिस को इन सारे विधिक प्रावधानों के अनुरूप सय्यद अली शाह गिलानी, अरुंधती रॉय तथा एस ए आर गिलानी के विरुद्ध नियमानुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने को पत्र प्रेषित किया गया है. साथ ही इस सम्बन्ध में स्थानीय तंत्र को सूचना नहो होने या किसी प्रकार की लापरवाही होने के बारे में भी जानकारी कर आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया है.

अमिताभ ठाकुर (आई पी एस) वर्तमान में आई आई एम लखनऊ में अध्ययनरत (094155-34526)
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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