राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के पूर्व सदस्य व मंसूरी समाज के सीनियर लीडर अब्दुल अली अजीजी मंसूरी का कहना है कि संसद और राज्य विधानसभाओं में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व कम होने का कारण मुस्लिमों की बड़ी आबादी वाली सीटों का आरक्षित होना है। अजीजी ने सुझाव दिया है कि या तो इन सीटों को फिर से अनारक्षित कर दिया जाए या मुस्लिमों को भी अनुसूचित जातियों के लाभ दिए जाएं।
एनसीबीसी में 13 अक्टूबर को अपना कार्यकाल पूरा करने वाले अजीजी मंसूरी ने कहा, यह बहुत दुखद है कि संसद और राज्य विधानसभाओं के वे क्षेत्र जहां अल्पसंख्यकों की आबादी 20-25 फीसदी से ज्यादा है, आरक्षित श्रेणी में आते हैं। ऐसी स्थिति में अल्पसंख्यक कैसे आगे आ पाएंगेर्षोर्षो उन्हें प्रतिनिधित्व का मौका कैसे मिलेगार्षोर्षो अजीजी ने कहा कि या तो इन सीटों को फिर अनारक्षित कर देना चाहिए या संविधान में संशोधन कर अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुस्लिमों को भी अनुसूचित जातियों को मिलने वाले लाभ दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 341 में संशोधन से पहले 1950 तक ईसाइयों और मुस्लिमों को अनुसूचित जाति और जनजाति की श्रेणी में ही रखा गया था। इस पर फिर से विचार होना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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