बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने राजस्थान के बीकानेर जनपद के रंधेसर गांव में सार्वजनिक नल से पानी पीने पर दलितों के ऊपर पंचायत द्वारा थोपे गये जुर्माने को अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण और दु:खद बताया है। उन्होंने राश्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की कार्य प्रणाली पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि दलितों के विरूद्ध कांग्रेस शासित राज्यों में आए दिन हो रही ऐसी घटनाओं की तरफ से आयोग ने अपनी आंखें पूरी तरह से बन्द कर रखी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान के बीकानेर जनपद के गजनेर थाना क्षेत्र के रंधेसर गांव में तीन अनुसूचित जाति के लोगों को वहां की पंचायत ने महज इसलिए 45000 रूपये का जुर्माना लगा दिया, क्योंकि इन लोगों ने सार्वजनिक नल से पानी पी लिया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक नल से पानी पीने पर पहले इन लोगों को गालियां दी गईं, इससे भी पंचायत का मन नहीं भरा तो इन लोगों पर जुर्माना ठोक दिया और जब इन लोगों ने जुर्माना खत्म करने के लिए कहा तो इन्हें डण्डों से पीटा गया।
श्री मौर्य ने कहा कि राश्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री पी0एल0 पुनिया द्वारा उत्तर प्रदेश में दलितों की उपेक्षा एवं एस0सी0पी0 की धनरािश का दुरूपयोग पद ग्रहण करते ही नज़र आने लगा, लेकिन कांग्रेस शासित प्रदेशों में दलितों के विरूद्ध होने वाले इस तरह के भेदभाव और अत्याचार उनकी आत्मा को उद्वेलित नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में सदियों से व्याप्त छुआछूत को समाप्त करने के लिए संविधान में समानता को आधार बनाकर कानून बनाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान की इस भावना को लागू करने में कांग्रेस पार्टी द्वारा शासित प्रदेशों में भारी कोताही बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ही सत्ता में है और राजस्थान में रंधेसर जैसी घटनायें आये दिन होती रहती हैं, लेकिन राश्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का ध्यान ऐसी घटनाओं की तरफ महज इसलिए नहीं जाता, क्योंकि वहां उस पार्टी की सरकार सत्ता में है, जिससे श्री पुनिया सांसद हैं और जिस पार्टी ने हाल ही में ही उन्हें राश्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष की कुर्सी नवाजा है।
बी0एस0पी0 के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्वतन्त्रता के 63 वशाZें बाद भी अनुसूचित जाति के लोगों के साथ इस प्रकार का व्यवहार अत्यन्त निन्दनीय एवं घातक है। उन्होंने कहा कि राजस्थान एवं हरियाणा जैसे कांग्रेस शासित प्रदेशों में दलितों के साथ पशुओं से भी बदतर व्यवहार किया जाता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के जिस गांव में यह घटना हुई, वहां पशुओं के पानी पीने पर तो कोई जुर्माना नहीं लगता, लेकिन अगर कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति सार्वजनिक नल को छू लेता है, तो नल अशुद्ध हो जाता है और इसके लिए उस अनुसूचित जाति के व्यक्ति को विभिन्न ढंग से प्रताड़ित किया जाता है और जुर्माना भी लगा दिया जाता है।
श्री मौर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और इसके लोग संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग राजनैतिक स्वार्थ के लिए हमेशा से करने के आदी रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री पुनिया स्वयं ही वरिश्ठ नौकरशाह रहे हैं और उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वे संविधान की भावना को भी अच्छी तरह से समझते होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान की इस घटना के बाद राश्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सत्यनिश्ठा नििश्चत रूप से कसौटी पर है और देखना है कि श्री पुनिया राजस्थान की सरकार और बीकानेर के प्रशासन के विरूद्ध इस घटना के परिप्रेक्ष्य मेंं क्या निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान की तरह ही श्री पुनिया के अपने गृह राज्य हरियाणा, जहां कांग्रेस शासित सरकार सत्ता में है, दलितों पर आये दिन अत्याचार और उत्पीड़न की घटनायें होती रहती हैं। इसी प्रकार परमपूज्य बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर की कर्मभूमि महाराश्ट्र में भी दलितों की स्थिति अत्यन्त दयनीय है। उन्होंने कहा कि कमोवेश दलितों की ऐसी दयनीय स्थिति कांग्रेस शासित अन्य राज्यों में भी है। उन्होंने कहा कि श्री पुनिया यदि वाकई दलितों के हितैशी बनने का ख्वाब रखते हैं, तो उन्हें सबसे पहले पार्टी लाइन से ऊपर उठकर कांग्रेस शासित राज्यों में दलितों के विरूद्ध हो रहे अत्याचारों पर आवाज उठानी चाहिए और सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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