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दलितों की उपेक्षा एवं एस0सी0पी0 की धनराशि के दुरूपयोग के सम्बन्ध में श्री पुनिया का बयान घटिया राजनीति से प्रेरित

Posted on 16 October 2010 by admin

राज्य सरकार द्वारा जालौन और कन्नौज के मेडिकल कालेजों की स्थापना भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के पूरी तरह अनुरूप

इन मेडिकल कालेजों में 70 प्रतिशत छात्र अनुसूचित जाति/ जनजाति के होंगे

प्रदेश सरकार ने जालौन व कन्नौज में मेडिकल कालेजों की स्थापना करके पिछड़े इलाके में बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की पहल की

उत्तर प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार ने दलितों के हितों में अनेकों ऐतिहासिक फैसले लिये

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी0एल0पुनिया द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा दलितों की उपेक्षा एवं स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान की धनराशि से मेडिकल कालेज बनाये जाने के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे बेबुनियाद और घटिया राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि श्री पुनिया को राज्य सरकार पर अनर्गल आरोप लगाने से पहले कांग्रेस शासित राज्यों में दलितों की बदतर स्थिति तथा उत्पीड़न के मामलों को भी ध्यान में रखना चाहिए था।

श्री मौर्य ने कहा कि श्री पुनिया को कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता की तरह बयान न देकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की गरिमा का तो कम से कम ध्यान अवश्य ही रखना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आयोग के नव नियुक्त अध्यक्ष द्वारा राजनीति से प्रेरित होकर दिये गये बयान से यह बात फिर एक बार साबित हो गई है कि कांग्रेस पार्टी और इसके लोग संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग राजनीतिक स्वार्थ के लिए करते हैं।

बी0एस0पी0 के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारत सरकार की गाइड लाइन्स के तहत शैक्षणिक संस्थाओं में 70 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों तथा 30 प्रतिशत सामान्य छात्रों के प्रवेश के आधार पर 70 प्रतिशत व्यय स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान के अन्तर्गत तथा 30 प्रतिशत व्यय सामान्य प्लान से किया जाता है। इस प्रकार इन कालेजों में 70 प्रतिशत छात्र अनुसूचित जाति/ जनजाति के होंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के इन्हीं दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत ही जालौन एवं कन्नौज में मेडिकल कालेजों की स्थापना हेतु धनराशि स्वीकृत की गई है। पिछड़े क्षेत्रों में स्थापित इन मेडिकल कालेजों की स्थापना से दलितों सहित सभी गरीब और असहाय लोगों के इलाज की सुविधा सुलभ हो सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया है और यह मेडिकल कालेज अत्यन्त पिछड़े क्षेत्रों में बनाये गये हैं, जिनकी कांग्रेस सहित अन्य दलों की सरकारों ने हमेशा उपेक्षा की है।

श्री मौर्य ने कहा कि श्री पुनिया जैसे वरिष्ठ नौकरशाह से कम से कम यह उम्मीद की जाती है कि उन्हें स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान की धनराशि के उपयोग सम्बन्धी मानकों की जानकारी अवश्य होगी। यदि उन्हें यह जानकारी तक नहीं है तो फिर श्री पुनिया की जानकारी के स्तर पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है। उन्होंने कहा कि श्री पुनिया के बयान से यह प्रतीत हो रहा है कि वे दलितों की समस्याओं को अभी तक समझ नहीं पाये हैं।

बी0एस0पी0 के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जालौन में मेडिकल कालेज की स्थापना करके इस उपेक्षित और पिछड़े इलाके में उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की पहल की हैं। इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी के लोग हमेशा बुन्देलखण्ड के विकास के नाम पर घड़ियाली आंसू ही बहाते रहे और यहां के लोगों के हितों को लेकर सिर्फ राजनीतिक मुद्दा गरमाने का प्रयास करते रहे हैं।

श्री मौर्य ने कहा कि शायद श्री पुनिया की याददाशत या तो कमजोर पड़ गई है या फिर कांग्रेस की सरकारों द्वारा दलितों की उपेक्षा किये जाने के मामले वे नज़र अन्दाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा दलितों के उत्थान हेतु आंवटित स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान के 750 करोड़ रूपये की धनराशि को कॉमन वेल्थ गेम्स के आयोजन के लिए हस्तान्तरित किये जाने के बेहद गम्भीर मामले पर अपना पल्ला झाड़ते हुए श्री पुनिया ने इसकी जानकारी न होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने प्रधानमन्त्री को पत्र लिखकर इस मामले पर कड़ा ऐतराज जताया और संसद में बी0एस0पी0 के सांसदों को इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने के निर्देश दिये थे, तब जाकर दिल्ली राज्य की कांग्रेस सरकार को मजबूर होकर अपना यह दलित विरोधी फैसला वापस लेना पड़ा और केन्द्रीय गृह मन्त्री को राज्य सभा में इस मामले पर सफाई देनी पड़ी।

बी0एस0पी0 के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार के फैसलों पर गैर जरूरी टिप्पणी करने से पहले श्री पुनिया को अपने गृह राज्य हरियाणा की कांग्रेस शासित सरकार में दलितों पर आये दिन हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न की घटनाओं पर ईमानदारी से अपनी बात सबके सामने रखनी चाहिए थी। इसके अलावा परम पूज्य बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर की कर्म भूमि महाराष्ट्र की कांग्रेस पार्टी के शासन में दलितों की स्थिति अत्यन्त दयनीय है। कमोबेश दलितों की ऐसी दयनीय स्थिति कांग्रेस शासित अन्य राज्यों में भी है।

श्री मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों को लेकर कोरी बयानबाजी करके सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश करने वाले श्री पुनिया को पूरे देश में दलितों की मौजूदा स्थिति और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के बारे में भी अपनी बात सामने रखनी चाहिए। सभी जानते हैं कि देश की आजादी के बाद केन्द्र सहित ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस पार्टी ने सर्वाधिक शासन किया है। इस लिए यदि आजादी के 63 वर्ष के बाद देश में दलित समाज की स्थिति दयनीय बनी हुई है तो इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार कांग्रेस पार्टी ही है।

बी0एस0पी0 के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की दलित विरोधी मानसिकता वर्ष 2009 में लोक सभा चुनाव के ठीक पहले एक बार फिर उजागर हो गई थी, जब कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने देश की 47 उच्च शिक्षण संस्थाओं में अनुसूचित जाति/जनजाति को आरक्षण के संवैधानिक अधिकार के दायरे से बाहर रखने के लिए संसद में विधेयक लाने की कोशिश की थी। बी0एस0पी0 द्वारा प्रस्तावित कानून के विरूद्ध संसद से सड़क तक किये गये पुरजोर विरोध का ही यह नतीजा रहा कि केन्द्र सरकार अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पायी। उन्होंने कहा कि सम्भवत: श्री पुनिया उत्तर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने के लिए किसी के इशारे पर इस तरह की घिनौनी बयानबाजी कर रहे हैं, जो उनके मौजूदा पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है।

श्री मौर्य ने कहा कि अपने चारों शासनकाल में माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने दलितों के हितों में अनेकों ऐतिहासिक फैसले लिये हैं और यू0पी0ए0 सरकार-वन एवं यू0पी0ए0 सरकार-टू राज्य सरकार के कार्यों में सिर्फ बाधा पहुंचाने का कार्य करती है। श्री पुनिया यदि दलितों के सच्चे हितैषी हैं तो उन्हें केन्द्र सरकार पर दबाव डाल कर उत्तर प्रदेश के लिए खासतौर से दलितों के लिए अधिक से अधिक धनराशि दिलवाने में मद्द करते।

बी0एस0पी0 के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने दलितों एवं सर्व समाज के गरीब परिवारों के उत्थान के लिए डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा योजना, महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना, सावित्रीबाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना, सर्वजन हिताय शहरी गरीब मकान (स्लम एरिया) मालिकाना हक योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना, महामाया आवास योजना, महामाया सर्वजन आवास योजना, निजी नलकूपों के ऊर्जीकरण की नई योजना, डॉ0 अम्बेडकर नि:शुल्क बोरिंग योजना, उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया आर्थिक मद्द योजना, डा0 अम्बेडकर कृषि ऊर्जा सुधार योजना लागू की हैं।

श्री मौर्य ने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार ने निर्माण कार्य से जुड़े  सरकारी ठेकों में अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को 25 लाख रूपये तक के कार्यों में 23 प्रतिशत का आरक्षण देकर इसे प्रभावी ढंग से लागू भी कराया है। इसके अलावा पूरे देश पहली बार उत्तर प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार ने निजी क्षेत्र में दलितों के लिए आरक्षण व्यवस्था की है। राज्य सरकार ने अभियान चलाकर सरकारी नौकरियों में आरक्षित पदों का बैकलॉग पूरा कराया और इसी तरह केन्द्र सरकार से अपनी नौकरियों में आरक्षण के बैकलॉग को पूरा करने तथा पूरे देश में निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने का अनुरोध किया, जिस पर अभी तक केन्द्र सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया।

बी0एस0पी0 प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि श्री पुनिया उत्तर प्रदेश के एक सांसद भी हैं, इसके नाते उनका यह जिम्मेदारी बनती है कि दलितों को लेकर राज्य सरकार पर झूठा दोषारोपण करने के बजाय तमाम केन्द्रीय योजनाओं के माध्यम से दलित सहित सर्वसमाज के सभी वर्गों को अधिक से अधिक सहायता दिलाने की कोशिश करनी चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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