नवरात्रि का एक बार पुन: आगमन हो रहा है। वर्ष का यह समय अच्छाइयों का बुराइयों पर विजय का प्रतीक होता है। नये चन्द्र दिवस से नौ दिवसीय अवधि के उपरान्त अश्विन के नवें दिन को हिन्दू पंचांग के अनुसार अत्यन्त मांगलिक समय माना जाता है और दुगाZ पूजा के कारण यह वर्ष का सबसे आनुष्ठानिक काल होता है। इन नौ दिनों के दौरान माता के नौ भिन्न रूपों की अर्चना की जाती है।
सहारा इण्डिया कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन्स, लखनऊ के सूत्रों के अनुसार पिछले अपने शुभारंभ के समय से ही सहारावन का धारावाहिक `माता की चौकी´ सद्भावना की पुन:प्रतिष्ठा की प्रक्रिया में निमग्न रहा है। यह कहानी वैष्णवी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक अनाथ लड़की है और माता वैष्णो देवी की अनन्य भक्त हो जाती है। वह माता के उपदेशों के प्रसार, जगराता के गायन में पूरी सक्रियता से संलग्न रहती है तथा माता की शिक्षाओं का पालन करती है एवं लोगों को तकलीफों से निजात दिलाती है। इन सारी गतिविधियों को जनता एक चमत्कार समझती है। माता में गहरे विश्वास के कारण वह जीवन की प्रत्येक विपदाओं एवं अवरोधों से सफलतापूर्वक उबर जाती है तथा इसके साथ ही जनता को ज्ञान की ज्योति से आभायुक्त करने की उसकी सद्भावना उसे उनके बीच एक दैवीय व्यक्तित्व के रूप में स्थापित करती है। वैष्णवी की पुत्री साक्षी भी अपनी मां के द्वारा चयनित इस मार्ग पर चलते हुये दुष्ट शीलकुमार से संघर्ष करती है। इस नवरात्रि के दौरान सहारावन की `माता की चौकी´ में माता कुरीतियों से संघर्ष करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित होंगी। इस बार माता एक चार वषीZय बालिका दुगाZ का रूप ग्रहण करेंगी और साक्षी के घर में प्रवेश कर दुष्ट शीलकुमार से उसकी रक्षा करेंगी। चूंकि सहवास के कारण साक्षी के गर्भाशय में इस दुष्ट का बीज पहले से पल रहा होता है, इसलिए दुगाZ साक्षी की उसके अन्दर विद्यमान दुष्टात्मा से भी रक्षा करेंगी।
सूत्रों के अनुसार दुष्ट शील की स्थिति को और चौपट करते हुए नियति भी नवरात्र के दौरान उसकी रक्षा करने में सफल नहीं हो पायेगी और इन नौ दिनों के दौरान बुराइयां नेपथ्य में चली जायेंगी। वह साक्षी के अन्दर सकारात्मकता का संचार भी करेंगी तथा उसके अन्दर व्याप्त नकारात्मकता का भी समाहार करेंगी। वह परिवार में आनन्द और प्रसन्नता दोनों को वापस लाने में सहायक होंगी। साक्षी के घर में माता गुýवार, 7 अक्टूबर 2010 को लघु दुगाZ के रूप में प्रवेश करेंगी, यह तिथि नवरात्रि की शुभारंभ तिथि शुक्रवार, 8 अक्टूबर से एक दिन पहले पड़ रही है। आगामी तीन सप्ताह के लिए शील माता की कृपा पर निर्भर रहेगा और इस दौरान दुगाZ शील को सबक सिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगी।
इसलिए इस नवरात्रि में `माता की चौकी´ दर्शकों को अपने मस्तिष्क को जागृत करने तथा माता में अपने विश्वास को पुन: सशक्त करने का मांगलिक अवसर दुगाZ पूजा स्पेशल के रूप में गुýवार, 7 अक्टूबर से रात्रि 10.00 बजे केवल सहारावन टेलीविजन पर प्रदान करने जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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