डेंगू से बचाव हेतु सावधानी बरते और पानी इकठ्ठा न होने दे।
जिलाधिकारी अमृत अभिजात ने अपील की है कि डेंगू बुखार से बचाव के लिए सावधानी रखें और इस बुखार की पुिश्ट के लिए चिकित्सकों से परामशZ लें। उन्होंने कहा कि घरों में छतों-पोर्च में टूटे वर्तनों, वेकार टायर ट्यूब, प्लास्टिक के टूटे वर्तन शीशी,कूलर आदि में पानी एकत्र न होने दें। डेंगू का मच्छर रूके हुए पानी में पैदा होता है।
जिलाधिकारी ने चेतावनी भी दी है कि जन स्वास्थ्य से खिलवाड करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व सुसंगत धाराओं में कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने नगर निगम तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सफाई के साथ-साथ ऐसे स्थानों को भी चििन्हत करें और कवाड इकट्ा कर डेंगू मच्छर को पनपने देने में सहयोग करने वाले लोगो के विरूद्व चालान आदि की कडी कार्यवाही भी करें।
जिलाधिकारी आज अपने कैम्प कार्यालय पर डेंगू की रोेकथाम के लिए किये जा रहे उपायों की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि विभिन्न पैथोलाजी तथा निजी चिकित्सको पास ऐसे केस आने पर जिला जिकित्सालय के पेथौलोजी विभाग में भी सैम्पल अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायें। जिलाधिकारी ने कहा कि सफाई व्यवस्था को और वेहतर बनाये ग्रामीण क्षेत्रों में भी दवा छिडकाव तथा फोंगिग करायें।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग इस विशय में जन जागरूकता अभियान चलाये कि डेंगू बुखार से वचाव हेतु क्या करें और क्या न करें। बुखार के लक्षण आदि की प्रारिम्भक जानकादी है घर में यदि डेंगू का मरीज है तो उसे बिना मच्छर दानी न रखें। डेंगू बुखार होने पर सूचना दें ताकि प्रभावित क्षेत्र में कीटनाशक का छिडकाव आदि कराया जा सके। घर के आस-पास पानी एकत्र न होने दे और ऐसे स्थानों को मिट्टी से भर दे।यदि यह सम्भव न हो तो कुछ मिट्टी का तेल/डीजल ऐसे स्थानों पर डाल दें। अपने कूलरों फ्लावर पाट, घडे आदि में एकत्रित पानी को बदलते रहे।
बैठक में मुचिअ डा0 राम रतन, मु. चिकित्सा अधीक्षक डा0 वी.डी.पाठक, परियोजना अधिकारी पी.के. श्रीवास्तव, डा. डी.वी. शर्मा, डा0 पंकल महेन्द्रू, डा0 कल्पना सिंह आदि अनेक चिकित्सक तथा पैथोलोजी लैव के संचालकगण आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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