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राजेन्द्र चौधरी ने कहा…..

Posted on 04 October 2010 by admin

समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा  गांव पंचायत के चुनावों में मुख्यमन्त्री के निर्देश पर सत्तारूढ़ दल के नेता एवं उनके सहयोगी बने अधिकारी व्यापक स्तर पर गड़बड़ी करने में लग गए हैं। प्रदेश के बजट पर डाका डालने के बाद पंचायतों में विकास के लिए आने वाले कोश की लूट के लिए उन पर कब्जे के साथ खासकर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के विरूद्ध साजिशें रची जा रही हैं। मुख्यमन्त्री के इशारे पर इटावा में समाजवादी पार्टी को बदनाम करने के लिए आज फर्जी मुकदमा कायम कराया गया है।

टाण्डा (अम्बेडकरनगर) मध्य प्रथम क्षेत्र से जिला पंचायत  प्रत्याशी जंगबहादुर ने संयुक्त सचिव राज्य निर्वाचन आयेाग से शिकायत की है कि उसके ही क्षेत्र से संसदीय कार्यमन्त्री की पत्नी भी उम्मीदवार है। उनको निर्विरोध जिताने के लिए उस पर एवं अन्य चार प्रत्याशियों पर प्रशासनिक और पुलिसिया दबाव डाला जा रहा है कि वे अपने नामांकन वापस ले ले। समाजवादी पार्टी इसकी निन्दा करती है और चेतावनी देना चाहती है कि आतंक और साजिशों के बल पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की निश्पक्षता एवं स्वतन्त्रता से खिलवाड़ करना बसपा सरकार को बहुत मंंहगा पड़ेगा।

सत्तारूढ़ दल ने पंचायतों के चुनाव भी लोकसभा और विधान सभा चुनावों की तरह अराजकतत्वों के लिए खेल का मैदान बन दिया हैं। चुनाव की आचार संहिता का मखौल उड़ाया जा रहा है। यह स्थिति गम्भीर और चिन्तनीय है। इससे तो इन पंचायतों के चुनाव की पूरी पृश्ठभूमि ही कलंकित हो जाएगी।

चुनावी रंजिश में हत्याओं की यह श्रंृखला रूकने वाली नहीं है। कहीं विरोधी की फसल फूंकी जा रही है, तो कहीं डराने धमकाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन घटनाओं में ‘ाामिल अराजक तत्वों ने हथियार बनाने का भी धंधा ‘ाुरू कर दिया है। सत्तारूढ़ दल के कारण नकली ‘ाराब का अधांधुध प्रयोग तो पहले से ही जानलेवा साबित हो रहा है।

लोकतन्त्र को कलंकित करने की उसकी कार्यवाहियां अतन्त: उस पर ही भारी पड़ेगी क्योकि मुख्यमन्त्री की लूट, वसूली और भ्रश्टाचार को संरक्षण देने की रीति-नीति से जनता बुरी तरह क्षुब्ध और आन्दोलित है।

यह घोर निन्दनीय है कि प्रदेश की मुख्यमन्त्री स्वयं तमाम तरह की गड़बड़ी कराना चाहती हैं ताकि पंचायतों पर भी उनका कब्जा कायम हो सके। उसके अधिकारी भी वसूली और लूट में लिप्त हैं जिसकी अवैध कमाई उनके मुुंह में लग गई है। सरकार स्वयं भ्रश्ट तन्त्र को प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमन्त्री कानून-व्यवस्था पर बस औपचारिक बयान देकर चुप बैठ जाती हैं। उन्हें लोकतन्त्र पर छा रही इस काली छाया से डर नहीं लगता है। लेकिन यह स्थिति खतरनाक है। चुनावों की निश्पक्षता एवं स्वतन्त्रता पर आंच आई तो फिर गांव-गांव में अराजकता और अव्यवस्था को रोक पाना लगभग असम्भव होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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