* सभी वार्ड अध्यक्षों को सौंपी गई जिम्मेदारियां
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या प्रकरण के फैसले के मामले में 30 सितम्बर को निर्णय सुनाये जाने का आदेश दिये जाने के बाद जिले में उस दिन अमन-चैन कायम रखने के लिए जिला सुरक्षा संगठन की एक विशेष बैठक उसी दिन रात में बुलाई गई जिसमें यह रणनीति बनाई गई कि निर्णय आने के दिन संगठन के लोग अपनी-अपनी जिमेदारी किस तरह निभायेंगे।
इस मौके पर संगठन के संयोजक सुन्दरलाल टण्डन ने कहा कि निर्णय आने के एक दिन पूर्व ही हम सभी लोगों को अपनी गतिविधि ऐसी बना लेनी चाहिए कि 30 सितम्बर को आने वाले निर्णय के दिन पूरी तरह शान्ति से बीत जाये। उन्होंने आगे कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों के संभ्रान्त लोगों से मिलकर अफवाहों से बचने के लिए अफवाहों को प्रभावहीन बनाने में जुटें।
संगठन के उपाध्यक्ष कमलनयन पाण्डेय ने कहा कि हमें विशेष रूप से दो बातों पर ध्यान देना होगा। पहला- अफवाहें न फैलने पाये। ऐसे मौके पर धार्मिक स्थलों को अवांछनीय तत्व अपमानित करने की कोशिश करेंगे। इन पर हम लोगों की नज़र होनी चाहिए। अपने-अपने वाडोZ में यह देख लें कि शरारती तत्व कौन हैं उन पर नज़र रखें। दूसरा- सन्देश व संवाद पर हम काम करेंगे। यदि निर्णय आने के बाद कोई वर्ग विरोध में कुछ करता है तो उसे समझाने की कोशिश करें। भीड़ के भड़कने पर संयम नहीं खोना चाहिए। आप स्वयं उनसे उलझें बल्कि इसकी जानकारी पुलिस को दें ताकि वह उनसे निपट
सके।
इस मौके पर संगठन के प्रवक्ता जाहिल सुलतानपुरी, डॉ. जैदी, राधेश्याम गुप्त, भुलईराम गुप्त, मो. अहमद, हाजी अशफाक ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संगठन के महासचिव सरदार बलदेव सिंह ने मौजूद लोगों को फैसला आने के पूर्व से ही अपनी जिम्मेदारियांनिभाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि संगठन के सभी लोग संगठन के अपना परिचयपत्र साथ अवश्य रखेंगे।
इस बैठक में मुख्य रूप से कोषाध्यक्ष नरेश माहेEरी, अरूण जायसवाल, अशोक अग्रवाल, मो. इलियास, रामचन्द्र गुप्ता, राम सागर गुप्ता, अब्दुल मन्नान, सत्य प्रकाश गुप्त, अशोक जायसवाल, डॉ. मकसूद सरदार, मो. जाहिद आदि मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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