खाकी वदीZ धारी कब कहां क्या खेल खेल जाये इसका कोई भी अनुमान लगाना अब गलत है ! शासन के आला अधिकारियों की लाख हिदायत के बाद थानेदारों ने बात सुनी अनसुनी कर अपने अनुसार थाना चलाने की ठान ली है। यह वजह है कि जब देखों कहीं किसी थाने में एक नई कहानी रच कर नया इतिहास रचने की पद्धति जारी है। उदाहरण के लिये हलियापुर पुलिस की कारगुजारियां ही काफंी हैं। यहां थाने के एक एसआई न जाने किस मूड में लिखा-पढ़ी करने बैठे कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध 107/1़6 के तहत कार्यवाही की है जो व्यक्ति पुलिस को तामिला के समय ढ़ूढ़े नही मिल रहा है। है न यह पुलिस का नायाब खेल !
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना हलियापुर पुलिस अपनी कारस्तानियों के चलते बराबर ही चर्चा का विशय बनी रहती है। शायद आप सभी को याद हो, यदि नही तो बताना उचित होगा कि पूर्व में भी इसी थाने पर चन्द रुपयें की खातिर खाकी वदीZ वालों ने एक तीन वशZ के बच्चे के खिलाफ गुण्डाएक्ट के तहत निरुद्ध कर दिया था। एक बार फिर कुछ उसी तर्ज पर ऐसी संगीन धाराओं में तो नही लेकिन फिर भी एक मामूली सी धारा में थाने के एसआई ओ.पी. सिंह ने त्रिस्तरीय चुनाव के मद्देनज़र धारा 107/16 के तहत क्रमांक संख्या 30 पर नन्द कुमार पुत्र खदेरु यादव पर कार्यवाही किया। सूत्रों की मानें तो पुलिस अगर पूरे क्षेत्र का दौरा भी कर डाले फिर भी उसे इस बिरादरी के भीतर ऐसे नाम का व्यक्ति मिलने से रहा। आखिर फिर पुलिस की कार्यवाही का फायदा ही क्या हुआ। इसी क्रम में सूत्रों की मानें तो पुलिस ने ऐसे कई व्यक्तिोें के खिलाफ इसी धारा के अन्र्तगत कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपाई किे मानों पुलिस ने किला फतह कर लिया हो। जबकि इनमे ंसे कई एक तो ऐसे हैं जो कि महीनों-महीनों क्षेत्र में नज़र ही नही आते। फिर इनके खिलाफ किस सबूत के तहत पुलिस ने कार्यवाही की इस बात का जवाब देने वाला ही कोई नही है। उधर तमाम उम्मीदवारों का चालान छोड़ पुलिस ने बीमार और लाचार को भी इसी कार्यवाही की जद में ले लिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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