• पीपरपुर पुलिस का नायाब खेल
• गर्भवती का पैर तोड़ा
डीजीपी की `मित्र पुलिस´ का आम जनता के साथ हिटलर शाही बरताव यथा-स्थित बरकारार है। मारपीट के मामले मेें हाथ टूटे या पैर, चाहे खून-खराबे की नौबत आ जाय, परन्तु यह खाकी वदीZधारी अपनी उगाही की हरकत से बाज आने से रहे। मनमहाफिक रकम मिली तो रिपोर्ट दर्ज किया, नही न्तो लाख पीड़ित हो एनसीआर दर्ज कर काम चलाने में इन्हें महारथ हासिल हो चुकी है। बानगी के तौर पर थाना पीपरपुर के भदाव में लहू-लुहान और मारपीट की िशकार हुई महिलाओं का मामला ही राज से पर्दा उठा रहा है।
जानकारी के मुताबिक पीपरपुर थाना क्षेत्र के भदाव गांव में बीती 23 सितम्बर को बच्चों के विवाद में रमजान व नसीर ने कई एक के साथ मिलकर पड़ोस के ही करम हुसैन के घर लाठी-डण्डों से हमला बोल दिया। जहां मारपीट के दौरान शाहजहां 35, करम हुसैन की पत्नी जुबैदा 40 व पुत्री सकीना 19 बुरी तरह घायल हो गई। विवाद में शाहजहां की हालात तो यह हो गई कि उसके दिमाग आदि पर गम्भीर चोंटे आई, जिसके चलते आज वह जिला अस्पताल में जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रही है। वहीं करम हुसैन की पुत्री सकीना जिसकी हाल ही में आठ माह पूर्व विवाह हुआ था, यह भी मायके आई हुई थी। सूत्रों की मानें तो सकीना को तीन माह का गर्भ है। लेकिन दरिन्दों ने सकीना को भी नही बक्शा। उसका पैर टूट गया है, जबकि गर्भ के कारण वह पीड़ा से कराह रही है। अब ऐसे गम्भीर मामाले मे पीपरपुर थाने की पुलिस कितनी मुस्तैद है आप सभी को जानकर हैरत होगी। पुलिस ने डाक्टरी रिपोर्ट मिलने के बाद भी विपक्षियों से मोटी रकम सुविधा शुल्क के नाम पर लेकर इतने बड़े मामले को मिनीमाईज़ करने का खेल चला रही है। फिलहाल अगर अपराध मुक्त सरकार में यदि पुलिस अपराध पर अंकुश लगाने के लिये यदि पद्धति अपनाती रही तो शायद न्याय मिल पाना तो दूर ऐसे मामलों में इजाफा हो जायेगा। उधर थानाध्यक्ष पीपी सिंह का कहना है कि जांच जारी है, जल्द ही दोशियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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