प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए श्रीमती समरीन खान ने सपा के सुल्तानपुर से विधायक अनूप सण्डा पर सनसनी खेज़ आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त विधायक पिछले तीन वशोZ से उसका शारीरिक शोशण कर रहा है । लेकिन वह समाज व परिवार के डर से अब तक चुप रही लेकिन हद जब हो गई जब सपा विधायक , उसकी पत्नी व उसके कुछ गुण्डो ने पुलिस से मिलकर उसके ऊपर झूटे इल्ज़ाम लगाकर जेल भिजवा दिया यह घटना 17 मई 2010 की जिसके कारण समरीन को 11 दिन जेल में रहना पड़ा । समरीन ने विधायक के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि उसके विधायक तथा उसके घरवालों से पारिवारिक संबध थे जिसके कारण वह विधायक के घर नौकरी दिलाने में मदद के वास्ते गई थी क्योंकि वह विघायक को अच्छी तरह ये जानती थी इस कारण उसको कोई शंका नहीं थी लेकिन वह यह नहीं समझ पायी कि विधायक की नियत सही नहीं है उसने एक दिन नौकरी दिलाने के बहाने घर पर बुलाकर उसके साथ बलात्कार किया और उसकी सी डी भी बना ली जिसका डर दिखाकर वह विगत तीन वशोZ से लगातार यौन शोशण करता रहा और वह समाज के डर से चुप रहकर सारे ज़ुल्म सहती रही। समरीन जब जेल से बाहर आई तो उसकी जिन्दगी बबाZद हो चुकी थी उसके पति तथा उसके घरवालो ने उससे रिश्ता तोड़ लिया । समरीन के अनुसार अब वह सर पर कफन बांध कर लड़ने निकली है और जब तक विधायक को उसके कुकर्मो की सज़ा नहीं दिला देती तब तक वह चैन से नहीं बैठेगी भले उसकी मधुमिता व शिश की तरह जान ही चली जाए वह आखिरी सांस तक लड़ेगी । समरीन ने विधायक के खिलाफ दिनांक 17 सिन्तबर 2010 को अपराध संख्या 1852/10 व धारा 376/506/420 के अन्र्तगत थाना सदर सुल्तानपुर में मुकदमा पंजीकृत कराया है परन्तु जो पुलिस मामूली धाराओं में भी लोगो को जेल भेजने में देरी नहीं करती है वह इतने संगीन धाराओं के बावजूद विधायक अनूप सण्डा के विरुद्व कोई कार्यवाही नहीं कर रही है । इससे लगता है कि पुलिस पूरी तरह से विधायक के साथ है क्योंकि जो विवेचना अधिकारी इस केस की विवेचना कर रहा है उसने ही विधायक तथा उसके गुर्गो के कहने पर समरीन को जेल भेजा था इस कारण समारीन को इस अधिकारी से बहुत उम्मीद नहीं है उसका कहना है कि तुरन्त विवेचना बदल कर किसी दूसरे अधिकारी को दी जाये व विधायक को तत्काल गिरफतार किया जाये और उसको सुरक्षा उपलब्ध करायी जाये क्योंकि उसको अपनी जान का खतरा है ।