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पंचायत चुनाव: अधिकारियों को गहन प्रिशक्षण

Posted on 19 September 2010 by admin

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शान्तिपूर्वक, निश्पक्ष और स्वन्तत्र रूप से सम्पन्न कराने हेतु जिला प्रशासन द्वारा सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित की जा रही है। इसी क्रम में आज आयुक्त सभागार में सुपर जोनल मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट तथा सेक्टर मजिस्ट्रेट का प्रथम प्रिशक्षण आयोजित किया गया।

मुख्य विकास अधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी(पं0) आर.के. श्रीवास्तव ने निर्वाचन की व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए कहा कि निर्वाचन में सेक्टर मजिस्ट्रेट की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। अत: निर्वाचन आयोग के निर्देशों का भलीभान्ति अध्ययन करलें और अपने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति देखलें साथ ही सेक्टर का नज़री नक्शा भी बनालें कि मतदान केन्द्र तक पहुंचने में कितना समय लगेगा तथा रूट क्या रहेगा। उन्होंने कहा कि सेक्टर तथा जोनल मजिस्ट्रेट भ्रमण के दौरान मतदान केन्द्र की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों से भी अवश्य मिलें ताकि गत चुनाावों के बारे में तथा अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि जोनल तथा सेक्टर मजिस्ट्रेट का दूसरा प्रिशक्षण 28 सितम्बर को सूरसदन में होगा।

अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) अरूण प्रकाश ने निर्वाचन प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव की इकाई विकास खण्ड को बनाया गया है। विकास खण्ड मुख्यालयों पर ही नामांकन जमा होंगे और विकास खण्ड मुख्यालय से ही मतदान कार्मिकों को टोलियां प्रस्थान करेगी। मतगणना भी विकास खण्ड स्तर पर ही होगी। उन्होंने कहा कि सेक्टर  मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर लें। प्रथम तथा तृतीय चरण के लिए तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट कमश: 22 तथा 23 सितम्बर और द्वितीय और चतुर्थ चरण के सेक्टर मजिस्ट्रेट क्रमश: 24 तथा 26 सितम्बर को क्षेत्रों का भ्रमण कर लें, अपने सेक्टर मुख्यालय को भी देखलें। उन्होंने कहा कि भ्रमण की रिपोर्ट जोनल मजिस्ट्रेट, मुख्य विकास अधिकारी तथा निर्वाचन कार्यालय में उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान मतदान केन्द्र पर सुविधाओं का आंकलन करलें जो कि पानी की व्यवस्था, हैण्डपम्प ठीक है या नही, प्रकाश व्यवस्था, बूथ की खिडकी दरवाजें ठीक है और रैम्प बना है, यदि कोई कमी पाई जाती है तो उसे सम्बन्धित विभाग से समन्वय कर ठीक करायें।
श्री अरूण प्रकाश ने कहा कि आदशZ आचार संहिता को प्रभावी रूप से लागू कराने पर भी ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि खण्ड विकास अधिकारी से समन्वय बनाये रखें। उन्होंने सेक्टर मजिस्ट्रेट के दायित्वों की जानकारी देते हुए कहा कि सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रत्येक बार बूथ भ्रमण पर पीठासीन अधिकारी की डायरी में समय अंकित करते हुए हस्ताक्षर अवश्य करें।
अपर जिलाधिकारी(भू0अ0) वी.के.सिंह ने बताया कि कोई भी व्यक्ति एक पद के लिए अधिकतम चार नामाकंन पत्र भर सकता है परन्तु उसे हर नामाकंन पत्र के लिए अलग-अलग शुल्क देना होगा। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत सदस्य के लिए सामान्य वर्ग हेतु नामांकन पत्र का शुल्क 150 रूपये तथा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 75 रूपये है। जमानत की रािश समान्य वर्ग के लिए 500 तथा आरक्षित वर्ग के लिए 250 रूपये है। ग्राम पंचायत सदस्य के पद हेतु निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा पॉच हजार रूपये है।
उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य पद हेतु नामांकन पत्र का मूल्य सामान्य के लिए 300 रूपये तथा आरक्षित वर्ग के लिए 150 रूपये और व्यय सीमा 30 हजार रूपये है जिला पंचायत सदस्य हेतु नामाकंन पत्र का शुल्क सामान्य वर्ग उम्मीदवार के लिए 500 तथा आरक्षित वर्ग हेतु 250 रूपये रखा गया है। जिला पंचायत सदस्य पद हेतु निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा 75 हजार रूपये है।

अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) जगदीश ने नामांकन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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