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आगामी कुछ ही दिनों से उच्च न्यायालय उ0प्र0 अयोध्या विवाद से सम्बन्धित मालिकाना हक के सवाल पर अपना फैसला सुनायेगी।

Posted on 16 September 2010 by admin

आगामी कुछ ही दिनों से उच्च न्यायालय उ0प्र0 अयोध्या विवाद से सम्बन्धित मालिकाना हक के सवाल पर अपना फैसला सुनायेगी। यह फैसला सभी देश वासियों के लिये मान्य है। किसी बात को लेकर आपस में जब कोई समझौता नही हो पाता है तब हम न्यायायलय की शरण में जाते है, ऐसे में कोई न्यायालय के फैसले का अवहेलना कर जन भावनाअों का भड़का कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशश करे तो उसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिये, हम एक सभ्य समाज में रहते है, जहां सिर्फ कानून का राज होगा, जंगल राज कायम करने और किसी मनमानी करने का यहां कोई अधिकार नही है।
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अयोध्या से पधारे रामजानकी घाट, बड़ा मिन्दर, अयोध्या के महन्त जन्मजय शरण जी महाराज ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा अयोध्या के राम जन्म भूमि मिन्दर के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येन्द्रदास जी महााज ने कहा कि हम इस मंच के माध्यम से समस्त देशवासियों को सन्देश देना चाहते है कि किसी भी सम्प्रदाय के अनुयायी जनता को अगर गुमराह करते है तो लोग-बाग उनस सावधान रहे और शान्ति का परिचय दें। न्यायालय के आदेशों का पालन करना ही हमारा धर्म है, सवैधानिक दायित्व भी है। वार्ता के क्रम में फिरंगी महल लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद ने फरमाया कि हम लोगों की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि हम न्यायालय के फैसले का सम्मान कर मुल्क में अमन चैन कायम रखे। पिछले दिनों अयोध्या के सवाल पर हजारों बेकुसूर लोगों की जानें गई, खरबों की राश्ट्रीय सम्पत्ति जल कर राख हो गई, ऐसी हालत दोबारा न हो, इसके लिये जरूरी है कि सभी अमन पसन्द लोग एक जुट होकर राश्ट्रीय एकता, अखण्डता और साम्प्रदायिक सद्भावना कायम रखे। शिया धर्म मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि अयोध्या मसले का हल दो ही तरह से सम्भव है, बातचीत के जरिये या न्यायालय के द्वारा। अब चूंकि न्यायालय फैसला सुनाने जा रही है इस लिये हम सब को इस फैसले का इन्तजार करना चाहिये और उसपर अमल करना चाहिये। वार्ता में उनहोंने आगे कहा टीले वाली मिस्जद के इमाम मौलाना फजलुर्रहमान नदवी इस बात पर जोर दिया कि फिरका परस्त ताकतों को इजाजत नही दी जा सकती है कि वह इसका राजनैतिक लाभ लेने के लिये देश का अमन चैन बिगाड़े। ऐसे तत्वों के खिलाफ शासन को सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिये। कार्यक्रम के आयोजक उ0प्र0 मोमिन कांफ्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हाजी मो0 रईस अंसारी ने कहा कि हम खून देते रहे मुल्क की तामीर में, यह सिफत कायम है अपने खून की तासीर में। सन 1923 में मोमिन कांफ्रेंस मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करते हुए राश्ट्रीय एकता, अखण्डता एवं साम्प्रदायिक सद्भावना का आवाहन कर स्वतन्त्रता आन्दोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था, आज फिरसे उस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को निभाने के लिये हिन्दू-मुस्लिम दोनों आलिमों की रहनुमाई में हम आप के सामने हाजिर है। हम जनता से और राजनैतिक दलों से अपील करते है कि राजनैतिक फायदे से ज्यादा देश के भविश्य पर ध्यान दें। इस कार्यक्रम के संयोजक एवं सामाजिक कार्यकर्ता उत्तम शर्मा ने अपील किया कि हम रहे न रहे यह मुल्क रहेगा, हर मजहब के लोग रहेंगे, और कायम रहेगा इस दुनिया में इंसानियत, मोहब्बत सिर्फ नुकसान ही उठाना होगा। उन्होंने साम्प्रदायिक तत्वों को चेतावनी देते हुए कहा कि सांझी संस्कृति के इस चमन में कोई बुरी नज़र न डाले हम बुलबुले है इसके यह गुलसितां हमारा। हम पहरूऐं है इसकी यह मादरे वतन हमारा। वार्ता समापन करते हुए मोमिन कांफ्रेंस के मीडिया प्रभारी एहतिशाम मिर्जा न समस्त अतिथियों को धन्यवाद देते हुए इस बात पर जोर दिया कि मुकदमें में कोई जीते या हारे गम और खुशी मनाने की जरूरत नही है। क्योंकि न्यायालय अपना काम कर रहा है और हम लोगों का काम है सिर्फ आदेशों का पालन कना। इसके खिलाफ जो भी जाता है उसे देशद्रोही माना जाएगा। नासिक महाराश्ट्र से पधारे स्वामी गणेशाचार्य महाराज एवं महन्त लक्षमणदास महाराज रायबरेली ने अपने अमूल्य विचारों से सबको देश हित में काम करने का आवाहन किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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