जितनी अच्छी तैयारी होगी हम उतनी ही अच्छी मदद
आपदा के समय प्रभावित लोगों की कर सकेंगे
-संजय भूसरेड्डी
जिला आपदा नियन्त्रण कक्ष से पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग
एवं अन्य विभागों के नियन्त्रण कक्षों को जोडा जाय़
-के0के0सिन्हा
गत दिवस उ0प्र0 शासन एवं प्रबन्धन अकादमी लखनऊ में भारत सरकार व आपदा जोखिम प्रबन्धन कार्यक्रम की पहली समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई जिसमें विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श हुआ।
उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के सदस्य न्यायिक, श्री संजय भूसरेड्डी ने सर्वप्रथम प्रतिभागियों को आपदा खतरा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम से अवगत कराया तथा बताया कि गुजरात में आये भूकम्प के तुरन्त बाद उ0प्र0 शासन ने विभिन्न आपदाओं हेतु रणनीति व कार्य योजना तैयार करना शुरू कर दिया। वर्तमान में “उ0प्र0 रिलिफ कोड´´ तैयार किया गया है। आज रासायनिक तबाही की संभावानायें बढ़ गई हैं इसलिए जरूरी है कि हम अपनी तैयारी ठोस ढंग से करें। जितनी अच्छी तैयारी होगी हम उतनी ही अच्छी मदद आपदा के समय प्रभावित लोगों की कर सकेंगे।
श्री रेड्डी ने अधिकारियों को पकतदण्हवअण्पद वेबसाइट को प्रत्येक वर्ष अद्यतन करने, ब्वतचवतंजम ैवबपंस तमेचवदइपसपजल के तहत कार्यक्रमों में एन.जी.ओ. व्यापारिक संगठनों, मीडिया आदि को जोड़ने, आवासीय योजनाओं में भूकम्परोधी तकनीकी के प्रयोग का अध्ययन कराने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव एवं राहत आयुक्त श्री के0के0सिन्हा ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम की जिलावार प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व व परियोजना सहायक को जिले में स्थातिप फैक्ट्री से हो रहे प्रदूषण की समय-समय पर जांच करने, अशासकीय संस्थाओं को अपने कार्यक्रमों से जोड़ने, जिला आपदा नियन्त्रण कक्ष से पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों के नियन्त्रण कक्षों से जोड़ने के निर्देश दिये तथा कहा इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम की राज्य परियोजना अधिकारी सुश्री अदिति उमराव ने बताया कि यह कार्यक्रम वर्ष 2010 से 2012 तक राज्य में चलाया जायेगा। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में आपदा प्रबन्धन की संस्थागत व्यवस्था को मजबूत बनाने, अधिकारियों की कार्य क्षमता में वृद्धि तथा शहरी जोखिम प्रबन्धन है।