उत्तर प्रदेश सिंचाई मन्त्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा है कि चालू वर्ष में निर्धारित लक्ष्य से कम सींच करने वाले प्रखण्डों के अभियन्ताओं के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि खरीफ 1418 फसली हेतु 2513.63 हजार हे0 सींच का लक्ष्य निर्धारित है। कई संगठन अपने लक्ष्य से काफी कम सींच कर रहे हैं। यह स्थिति सन्तोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि करायी गई सींच की पड़ताल भी अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिये ताकि फजी़Z एवं गलत सींच दर्ज करने की शिकायतों पर रोक लग सके। इसी प्रकार 9337 नहरों की टेल फीडिंग के लक्ष्य के सापेक्ष अगस्त तक 8488 टेल फीडिंग हुयी है। कई संगठनों की टेली फीडिंग की स्थिति में सुधार किया जाना चाहिये।
श्री सिद्दीकी आज यहॉ सिंचाई विभाग की निर्माणाधीन परियोजनाओं राम गंगा तथा सोन की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत सिंचाई विभाग को 520 करोड़ रूपये के कार्य कराने के प्रस्तावित लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 30.19 करोड़ रूपये के कार्य कराये गये हैं। यह प्रगति सन्तोषजनक नहीं है। उन्होंने सभी अभियन्ताओं को निर्देशित किया कि अपने-अपने जनपद के जिलाधिकारी से सम्पर्क करके अधिक से अधिक प्रस्ताव मनरेगा के अन्तर्गत स्वीकृत करायें।
श्री सिद्दीकी ने कहा कि सिंचाई विभाग को वर्ष 2010-11 में 1200 करोड़ रूपये कर करेत्तर राजस्व के अन्तर्गत वसूल करने के सापेक्ष 106 करोड़ रूपये वसूल किये गये हैं। यह स्थिति सन्तोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग को वर्ष 2010-11 में 4559.15 करोड़ रूपये बजट की व्यवस्था की गई है, जिसके सापेक्ष अभी तक 1753 करोड़ की वित्तीय स्वीकृतियॉं जारी की गई हैं। उन्होंने सिंचाई विभाग की वृहद, मध्यम तथा लघु सिंचाई परियोजनाओं तथा बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों पर अधिक से अधिक धनराशि व्यय करने के निर्देश दिये ताकि कोई भी धनराशि लैप्स न होने पाये। उन्होंने कहा कि ए0आई0वी0पी0 के अन्तर्गत भारत सरकार से जो भी धनराशि विभिन्न परियोजनाओं हेतु प्राप्त होनी है उसे शीघ्र प्राप्त कर लिया जाये, जाकि सम्बंधित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जा सके।
श्री सिद्दीकी ने रामगंगा परियोजना तथा सोन परियोजना के कार्यों की समीक्षा करते हुये कहा कि इन परियोजनाओं हेतु जो सींच सृजित की गई है, उसके अनुसार सींच क्षेत्रों का विस्तार किया जाये। बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई श्री के0एस. अटोरिया, प्रमुख अभियन्ता देवेन्द्र मोहन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।