अयोध्या-फैजाबाद की हवाई सीमा में एक बार फिर नये पायलट तैयार होंगे। दो दशक पूर्व बन्द हुआ यहां का पायलट ट्रेनिंग सेंटर फिर से चालू होने जा रहा है। सेंटर के संचालन की जिम्मेदारी एक निजी कम्पनी को सौंपी गई है। प्रमुख सचिव (उìयन) देवेन्द्र स्वरूप ने बुधवार को यहां स्थित हवाई पट्टी का दौरा किया। हेलीकाप्टर से पहुंचे स्वरूप करीब घंटे भर हवाई पट्टी व एअरोड्रम का निरीक्षण करके वापस लौट गये। फैजाबाद हवाई पट्टी पर संचालित पायलट प्रशिक्षण केन्द्र दो दशक पूर्व चले आरक्षण आन्दोलन की भेंट चढ़ गया था। प्रशिक्षण केन्द्र बन्द होने के बाद इसका इस्तेमाल महज हवाई पट्टी के लिए होने लगा। दो साल पूर्व मुम्बई की एक निजी कम्पनी द्वारा यहां प्रशिक्षण केन्द्र चलाये जाने की दिशा में कोशिशें की गई थीं लेकिन अयोध्या की सुरक्षा को खतरा मानते हुए सुरक्षा मुख्यालय द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं दिया गया। इस कारण लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद उक्त कम्पनी को पीछे हटना पड़ा। कालान्तर में मारीशस में रहने वाले इसी शहर के एक उद्यमी ने दुबारा हवाई प्रशिक्षण केन्द्र चलाने की कवायद शुरू की। कम्पनी की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। साथ ही हवाई पट्टी पर प्रशिक्षु विमान के कलपुर्जे भी आ गये हैं। सुरक्षा के लिए जिला पुलिस ने वहां पुलिस चौकी भी खोल दी है। जिलाधिकारी एमपी अग्रवाल का कहना है कि निजी कम्पनी को प्रशिक्षण केन्द्र चलाने की अनुमति शासन से पहले ही मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रमुख सचिव (उìयन) ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिया कि यदि कोई भी व्यक्ति हवाई पट्टी की सम्पत्ति को क्षति पहुंचाए तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाय। उन्हें ग्रामीणों द्वारा चहारदीवारी को क्षति पहुंचाये जाने की शिकायत मिली थी।