ऋण सीमा 5 लाख रूपये से बढ़ाकर 10 लाख रूपये आरक्षित वर्ग को ब्याज रहित ऋण उपलब्ध -श्रीमती ओमवती
गांवों में अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो सके। इसके लिए उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड प्रदेश में विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहा है। खादी एक ऐसी योजना है, जिसमें कम पूंजी निवेश करने पर भी अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। प्रदेश की खादी एवं ग्रामोद्योग राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्रीमती ओमवती ने यह बात आज यहॉ अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा अब मुख्यमन्त्री रोजगार योजना के अन्तर्गत अधिकतम ऋण सीमा 5 लाख रूपये से बढ़ाकर 10 लाख रूपये कर दी गई है तथा इसमें आरक्षित वर्ग के लाभार्थियों को ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराने का प्राविधान किया गया है।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 5500 इकाइयों की स्थापना के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 1225 इकाइयों की स्थापना की जा चुकी है तथा 44000 व्यक्तियों को लाभािन्वत कराने के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 13204 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। इसी प्रकार प्रधानमन्त्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के अन्तर्गत 2496 इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 34.84 करोड़ रूपये की मार्जिन मनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। समीक्षा बैठक में बोर्ड के समूह ख, ग तथा घ के रिक्त पदों के सम्बन्ध में अवगत कराते हुए कहा गया कि कुल 523 पद रिक्त है, जिसकी शासन स्तर पर परीक्षणोंपरान्त अग्रेत्तर कार्यवाही कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमन्त्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा कौशल सुधार कार्यक्रम के अन्तर्गत अब तक 1930 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। खादी मन्त्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि लिम्बत प्रकरणों को यथाशीघ्र निस्तारित किया जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग श्री अशोक कुमार तथा अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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