लखनऊ - इंसेफेलाइटिस एवं जापानी इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क ज्वर) से पूर्वांचल के कई जनपदों विशेषकर गोरखपुर में हुई हजारों (लगभग दस हजार) बच्चों की मौतों को देखते हुए राज्य सरकार इस बीमारी को महामारी घोषित करे एवं प्रदेश सरकार द्वारा इसकी रोकथाम के लिए उठाये गये कदमोंपर श्वेतपत्र जारी करे।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि गोरखपुर, महराजगंज, आजमगढ़, कुशीनगर, देवरिया सहित कई जनपदों में विगत कई माह से इंसेफेलाइटिस एवं जापानी मस्तिष्क ज्वर ने अपना कहर बरपा रखा है, जिसके कारण हजारों मासूम एवं निरीह बच्चों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है किन्तु प्रदेश सरकार तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा अभी तक कोई भी कारगर कदम नहीं उठाये गये हैं जिसके कारण आम जनमानस में रोष व्याप्त है। यदि सरकार द्वारा इस महामारी को रोकने के लिए पहले से ही उपाय किये गये होते तो पूर्वांचल में हजारों निर्दोष मासूमों की जिन्दगियों को बचाया जा सकता था।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मच्छरजनित इस बीमारी की रोकथाम एवं चिकित्सा हेतु अभी तक जलजमाव के कारण उत्पन्न हो रहे मच्छरों से निजात पाने हेतु कोई भी ठोस कदम उठाना तो दूर प्राथमिक स्तर पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे यह लगे कि प्रदेश सरकार एवं स्थानीय प्रशासन इस मामले में गम्भीर है। जिसकी वजह से सिर्फ जनवरी 2010 से अगस्त2010 तक 293 अधिकारिक मौतें हो चुकी हैं। जबकि इस महामारी से तमाम बच्चे अपने घरों में या अस्पताल के रास्ते में दम तोड़ चुके हैं, जिनकी संख्या अधिकारिक रिकार्ड में नहीं दर्ज है। इतना ही नहीं इंसेफेलाइटिस की वजह से जिस तरह नवजात मासूमों की मौतें हो रही हैं वह किसी भी सरकार के लिए शर्म की बात है और प्रदेश की सरकार भी इन जिम्मेदारियो से बच नहीं सकती है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि यहां यह उल्लेखनीय है कि गोरखपुर सहित प्रभावित जिलों में सी.एस.सी. तथा बी.एस.सी. में न तो कोई वेंटीलेटर की व्यवस्था है और न ही प्रशिक्षित डाक्टरों की। जिसके कारण इस तरह के बीमार बच्चे सिर्फ मेडिकल कालेज ले जाये जाते हैं और वहां पर भी समुचित इलाज न होने के कारण दम तोड़ देते हैं। इतना ही नहीं गोरखपुर में जो भी फागिंग मशीन हैं वह भी बेकार हैं तथा एडिशनल डायरेक्टर के कार्यालय में सफेद हाथी की तरह बेकार पड़ी हुई है।
उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार बताये कि अब तक इस मामले में स्थानीय प्रशासन से क्या सूचना ली गई है तथा इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार यह भी बताये कि आगे के लिए इंसेफेलाइटिस से रोकथाम के लिए क्या कार्यवाही करने जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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