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कांग्रेस अध्यक्षा का किसानों की भूमि अधिग्रहण के मामले में दिया गया बयान हास्यास्पद - बसपा

Posted on 10 September 2010 by admin

भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन के लिए सात साल से केन्द्र में सत्तारूढ़ रहने के बावजूद संसद के मानसून सत्र में भी बिल न लाये जाने से कांग्रेस की किसान विरोधी मंशा साफ

कांग्रेस अध्यक्षा को चाहिए कि वह पहले कांग्रेस शासित प्रदेशों में अपनी सलाह का अनुपालन करायें

यदि किसानों का हित चाहती हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में घोषित उत्कृष्ट पुनर्वास नीति को देशभर में लागू करायें

लखनऊ :-  बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के किसानों को सही कीमत मिलने और कम्पनियों के लिए खेती की जमीन का अधिग्रहण नहीं करने सम्बन्धी आज दिये गये बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा को यह बयान देने के बजाय कांग्रेस पार्टी के ही नेतृत्व में लगभग सात वर्षो से चल रही केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार को भूमि अधिग्रहण अधिनियम को संशोधित करने के सम्बन्ध में विधेयक लाकर उसको तुरन्त पास कराने के लिए कहना चाहिए था।

बसपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा को चाहिए था कि किसानों के हित में मानसून सत्र में ही भूमि अधिग्रहण नियम को संशोधित करने के लिए विधेयक लाने के लिए वह यू0पी0ए0 सरकार को बाध्य करती और वर्ष 1894 में बनाये गये इस कानून को किसानों के हित में संशोधित करा देती। इसी के साथ कांग्रेस अध्यक्षा को चाहिए था कि वह किसानों के हित में जो भी बयान दे रही हैं कम से कम उसका पालन वह कांग्रेस शासित प्रदेशों में तो पहले करा देतीं। प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा किसानों के मामले को लेकर केवल राजनीति करना चाहती हैं, नहीं तो कांग्रेस शासित प्रदेशों में अपनी सलाह को लागू कराने के बाद ही उन्हें चाहिए था कि वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के नेताओं को भेजतीं। प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा केवल किसानों के हित में बयान देकर रस्म अदायगी ही करना चाह रही हैं, जिससे कांग्रेस पार्टी का कोई फायदा होने वाला नहीं है।

बसपा प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 1894 में बनाये गये वर्तमान में भूमि अधिग्रहण कानून को बदलने और जनहित के उद्देश्यों की परिभाषा को सीमित करने की मांग किसान वर्षो से करते चले आ रहे हैं, किन्तु किसानों की विरोधी एवं उद्योगपतियों की हित साधक कांगेस पार्टी की केन्द्र की सरकारों ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया। जबकि बी0एस0पी0 ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम संशोधन हेतु विधेयक मानूसन सत्र में ही लाने की मांग की थी और इस कानून को बदलने में अपना पूरा समर्थन देने की घोषणा भी की थी।

बसपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है कि जहां एक ओर कांग्रेस अध्यक्षा खेती की जमीन का अधिग्रहण न करने की बात कर रहीं हैं और कम्पनियों के लिए खेती की जमीन का अधिग्रहण नहीं करने का सुझाव दे रही हैं, वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार ने किसानों की मांगों की अनदेखी करते हुए उलटे एस0सी0जेड0 (सेज) के नाम पर उद्योगपतियों को अरबपति से खरबपति बनाने के लिए देशभर में ताबड़तोड़ लगभग 50 हजार हेक्टेयर जमीन किसानों से जबरिया लेकर उद्योगपतियों को दे दी, जिसके कारण देश भर के किसानों में गहरा असन्तोष व्याप्त है और केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार की इसी किसान विरोधी नीति के कारण आये दिन किसानों को देश के लगभग सभी राज्यों में आन्दोलन करने के लिए मजूबर होना पड़ रहा है।

प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा को चाहिए कि वह कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार के किसान विरोधी रवैये में तुरन्त परिवर्तन लाये, नहीं तो किसानों को देशभर में सड़क पर आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जो कि अत्यन्त ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी।

प्रवक्ता ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी के किसानों विरोधी रवैये के विपरीत उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने भूमि अधिग्रहण किये जाने की स्थिति में किसानों के पुर्नवास के लिए एक ऐसी सर्वोत्तम व्यवस्था तैयार की है जिसके चलते राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण से भूमिहीन हो रहे किसानों के एक परिवार को पांच साल तक कृषि मजदूरी के बराबर लगभग 1 लाख 85 हजार रूपये की एक मुश्त धनराशि दिये जाने के साथ ही एक किसान जिसकी भूमि अधिग्रहीत की जा रही है, उसको 33 साल के लिए 20 हजार रूपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से वार्षिकी दी जायेगी, जो भूमि के प्रतिकर के अतिरिक्त होगी और इसवार्षिकी पर प्रति एकड़ प्रति वर्ष 600 रूपये की निश्चित दर से वृद्धि भी की जायेगी और यदि कोई किसान वार्षिकी नहीं लेना चाहता है तो उसे एक मुश्त 2 लाख 40 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से पुनर्वास अनुदान दिया जायेगा। इतना ही नहीं किसी कम्पनी के लिए भूमि अधिग्रहण करने की स्थिति में कम्पनी द्वारा अधिग्रहित जमीन के शेयर प्राप्त करने का विकल्प होने के साथ ही किसानों को लैण्ड फार डेवलपमेन्ट के लिए भूमि अधिग्रहीत किये जाने की स्थिति में भूखण्ड आंवटित किये जाने की व्यवस्था के साथ ही पूर्णत: भूमिहीन हो रहे परिवार के एक सदस्य को इसकी योग्यता के अनुरूप “कन्शेशनायर´´ कम्पनी में नौकरी भी दी जायेगी।

बसपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा को चाहिए कि उन्हें खोखली बयानबाजी करने के बजाये उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री एवं बसपा प्रमुख सुश्री मायावती द्वारा किसानों के हित में उठाये गये इन ऐतिहासिक कदमों को सभी कांग्रेस शासित प्रदेशों में भी लागू करवाना चाहिए, ताकि उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा किसानों के लिए लागू की गई इस सर्वोत्तम पुनर्वास योजना का लाभ देशभर के किसान पा सकें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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