सुल्तानपुर - चर्चित नवजात शिशु की मौत के मामले में पुलिस की तफ्तीश में भले ही जिला महिला चिकित्सालय की नर्स ऊषा दूबे, संचालक फरीदी नर्सिंग होम और संचालक आभा नर्सिंग होम का नाम सामने आ रहा हो पर सच्चाई क्या है इस पर सभी ने पर्दा डाल रखा है। फिलहाल इस नवजात की मौत के प्रकरण में शहर के एक चर्चित नर्सिंग होम “ममता हास्पिटल का नाम सामने आ रहा है। जिस पर पुलिस व वादी दोनों ही मेहरबान दिख रहें हैं।
सनद रहे कि नवजात शिशु की मौत के मामले में शुरुआती दौर में जो कहानी का अध्याय खुला उसकी सुई तो जिला महिला चिकित्सालय से जुड़ी थी। गत 29 अगस्त को शहर के पल्टू पुरवा निवासी उमा मौर्य को गर्भ के कारण परिजनों ने जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। उमा की हालात बिगड़ने पर महिला अस्पताल की चिकित्सकों ने उसे रिफर कर दिया था। इसी के बाद से कहानी का अध्याय रचा जाने लगा। एकाएक बरसों से महिला अस्पताल में चर्चा का केन्द्र रही स्टाफ नर्स ऊषा दूबे उमा के परिजनों से मिली। ऊषा ने उमा को निजी अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह देते हुए जिस नर्सिंग होम का नाम प्रस्तावित किया उससे सभी जांच के बाद भी अनभिज्ञ है।
भरोसेमन्द सूत्रों के मुताबिक शहर के चर्चित ममता नर्सिंग होम में उमा का भाई राजकुमार बहन को लेकर पहुंचा। जहां अस्पताल की संचालक रंजनी गुप्ता ने उसे आनन फानन में भर्ती कर उगाही की। सूत्रों की मानें तो यहां इलाज के दौरान उमा की हालात चिन्ता जनक हो गई, जिसे रातों रात अस्पातल से रिफर कर दिया गया। पुलिस व आम जनमानस की निगाह में दोशी डाक्टर आभा ने मात्र एक हजार रुपयें में उमा का इलाज किया। यह बात दिगर है कि अन्त में बच्चें की मौत के बाद उसे तिल का ताड़ बना दिया गया। उधर सूत्रों की मानें तो नवजात की मौत की खबर उधर जगल में आग की तरह फैली और इधर ममता अस्पताल की संचालक रंजनी गुप्ता ने रजिस्टर व उमा से सम्बंधित कागजात फाड़ कर किनारे कर दिया। ताकि सबूत के तौर पर कुछ भी शेष न रह जाये। जाहिर सी बात है नवजात की मौत के बाद विवाद तो पैदा होना ही था। इस बाबत डाक्टर आभा सिंह की मानें तो पैसा न देने के लिये यह डरामा रचा गया। रही बात बच्चे को देने की तो वह परिजन के अलावा किसी और के हवाले नही किया जा सकता था। उधर ममता अस्पातल की संचालक रंजनी गुप्ता का कहना है कि उनके अस्पातल में इस नाम की कोई भी मरीज भर्ती ही नही हुई। अब देखना यह है कि पुलिस इस पहलू पर भी जांच को केिन्द्रत करती है या नही, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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