लखनऊ - स्टाम्प एवं पंजीयन मन्त्री श्री बाबू सिंह कुशवाहा ने अगस्त माह में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष कुछ जनपदों में कम राजस्व वसूली होने पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुये राजस्व वसूली को बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति अत्यन्त गम्भीर है तथा राजस्व वसूली में लापरवाही बरतने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जायेगा। माह अगस्त तक 2846.12 करोड़ रूपये राजस्व की वसूली हुयी है, जो गत वर्ष की तुलना में 54 प्रतिशत अधिक है।
श्री कुशवाहा आज यहॉ योजना भवन में स्टाम्प रजिस्ट्रेशन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बड़ी रजिस्ट्री के सभी मामलों में अनिवार्य रूप से स्थलीय निरीक्षण किया जाये, जिससे स्टाम्प शुल्क की चोरी न हो सके। उन्होंने कहा कि प्रभावी प्रवर्तन कार्य करते रहने से लोग स्टाम्प शुल्क की चोरी नहीं करेंगे तथा सही मूल्य का स्टाम्प लगायेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे लिम्बत स्टाम्प वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करें। उन्होंने इस बात पर अप्रसन्नता व्यक्त की कि जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी स्थलीय निरीक्षण में दिलचस्पी नहीं दिखा रहें हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव को निर्देश दिये कि वे जिलाधिकारियों से स्थलीय निरीक्षण एवं स्टाम्प वादों की सुनवाई नियमित रूप से सुनिश्चित करायें।
अगस्त तक सबसे कम राजस्व वसूली वाले जनपदों में श्रावस्ती, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, अम्बेडकर नगर, प्रतापगढ़, खीरी, मैनपुरी, महोबा तथा हरदोई शामिल हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री कपिल देव, महानिरीक्षक पंजीयन श्री हिमांशु कुमार, विशेष सचिव श्री बी0पी0 सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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